उत्तरी गोवा के बिचोलिम के एक स्कूल में साथी छात्रों द्वारा शरारत में छात्राओं पर कालीमिर्च का स्प्रे करने का मामला सामने आया है। इसके बाद 11 छात्राओं को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये घटना उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में हुई। वहीं, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने बीते आठ सालों में प्रश्नपत्र लीक मामलों की जांच के लिए एक पैनल बनाया है।
उन्होंने बताया कि घटना तब हुई जब छात्राएं कक्षा के अंदर थीं। स्कूल के प्रबंधन से प्राप्त शिकायत के अनुसार, छात्रों के एक समूह ने शरारत में कक्षा की कुछ छात्राओं पर पर काली मिर्च का स्प्रे कर दिया। इसके बाद उन लोगों को बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत महसूस होने लगी। इसके बाद ग्यारह छात्राओं को शुरू में बिचोलिम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वहीं, बाद में उनमें से तीन को मापुसा शहर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बिचोलिम के विधायक ने जाना छात्राओं का हाल
इस घटना के बारे में जानकारी पाकर बिचोलिम विधायक डॉ. चंद्रकांत शेट्टी जिला अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने छात्राओं के बारे में जानकारी ली। बाद में उन्होंने बताया कि वहां भर्ती सभी छात्रों की हालत स्थिर है। दो को छोड़कर अधिकांश छात्राओं को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी।
विधायक ने कहा कि पुलिस ने स्कूल प्रबंधन से एक अनुशासनात्मक समिति गठित करने और घटना की जांच करने को कहा है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कुछ छात्रों ने कक्षा के बाहर खिड़की से काली मिर्च का स्प्रे किया। स्कूल प्रबंधन ने पुलिस को बताया है कि वह पहले ही चार छात्रों को उनके कदाचार के लिए स्कूल से निलंबित कर चुका है।
अरुणाचल प्रदेश ने आठ सालों में प्रश्नपत्र लीक मामलों की जांच के लिए बनाया पैनल
वहीं, अरुणाचल प्रदेश सरकार ने अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) द्वारा आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में कथित प्रश्न पत्र लीक की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया है। अरुणाचल सरकार ने इस बारे में आदेश भी जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पी के डेका के नेतृत्व वाला आयोग अप्रैल 2014 से अगस्त 2022 तक एपीपीएससी द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में कथित प्रश्न पत्र लीक की जांच करेगा। आदेश के अनुसार, यह भर्ती प्रक्रिया में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल अधिकारियों, अधिकारियों और अन्य हितधारकों की ओर से संभावित खामियों की भी जांच करेगा।