आंध्र प्रदेश पुलिस ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह फाइबरनेट मामले में तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को 18 अक्तूबर तक गिरफ्तार नहीं करेगी, क्योंकि कौशल विकास निगम घोटाले से संबंधित मामला शीर्ष अदालत में लंबित है।
आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए। उन्होंने न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को बताया कि राज्य निचली अदालत से मामले में स्टे का अनुरोध करेगा, जहां नायडू को 16 अक्तूबर को पेश किया जाना है।
निचली अदालत ने पेशी वारंट जारी किया है और राज्य पुलिस से नायडू को 16 अक्तूबर को पेश करने को कहा है। पीठ ने नायडू की उस नई याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने उच्च न्यायालय के नौ अक्तूबर के आदेश को चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने फाइबरनेट मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
नायडू ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें 16 अक्तूबर को अदालत में पेश किए जाने के बाद गिरफ्तारी की संभावना है। फाइबरनेट मामला एपी फाइबरनेट परियोजना के पहले चरण के तहत एक पसंदीदा कंपनी को 330 करोड़ रुपये का वर्क ऑर्डर आवंटित करने में कथित टेंडर हेरफेर से जुड़ा है।
आंध्र प्रदेश पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने टेंडर देने से लेकर काम पूरा करने तक परियोजना में अनियमितताओं का आरोप लगाया है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है।