संसद के चालू मॉनसून सत्र (monsoon session) के दौरान किसानों का जंतर-मंतर पर नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू होगा, सर्कार से इसकी अनुमति मिल गई है। 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक अधिकतम 200 प्रदर्शनकारी किसानों को धरना प्रदर्शन की इजाजत दी गई है। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल (corona protocol) का पालन करना होगा।
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भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत (rakesh tikait) ने कहा, ‘हमारे 200 लोग कल 4-5 बसों में सिंघू बॉर्डर से जाएंगे। हम (विभिन्न विरोध स्थलों से) सिंघू बॉर्डर पर एकत्र होंगे जंतर मंतर की ओर बढ़ेंगे। संसद का मानसून सत्र खत्म होने तक हम जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन करेंगे।’ किसान नेता दर्शन पाल सिंह (darshan pal singh) ने कहा कि 200 किसानों का दल चार बसों में संसद मार्ग पर ‘किसान संसद’ (kisan parliament) आयोजित करने जाएगा। हम कृषि संकट, तीन कृषि कानूनों और एमएसपी पर चर्चा करेंगे। हमने 6 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया है जिसमें पंजाब के 3 सदस्य शामिल होंगे।
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संयुक्त किसान मोर्चा ने योजना बनाई थी कि तीनों नए कृषि कानूनों को खत्म करने और एमएसपी पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर मानसून सत्र के दौरान 22 जुलाई से हर दिन लगभग 200 किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उनके नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। किसान नेताओं ने कहा है कि विरोध शांतिपूर्ण होगा।
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