बोरिस जॉनसन का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 52 दिनों से युद्ध चल रहा है।
बोरिस जॉनसन की इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष अपने संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास करेंगे।
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पिछले साल ही भारत दौरे पर जाने वाले थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दो बार यात्रा को रद्द करना पड़ा था। बोरिस जॉनसन पहली बार पिछले साल जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस की वजह से दौरा रद्द करना पड़ा था। इसके बाद अप्रैल में भी कोरोना वायरस की वजह से दूसरी बार भी दौरा रद्द करना पड़ा।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने ब्रितानी समकक्ष बोरिस जॉनसन के बीच आखिरी मुलाकात पिछले साल नवंबर में ग्लासगो शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। पिछले महीने दोनों नेताओं के बीच फोन पर बात हुई थी। उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने विवाद को समाप्त करने और बातचीत व कूटनीति के रास्ते पर लौटने के लिए भारत की लगातार अपील को दोहराया था।
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दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय हितों के मुद्दों पर भी चर्चा की थी और व्यापार, प्रौद्योगिकी, निवेश, रक्षा और सुरक्षा, व लोगों से लोगों के संबंधों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने की क्षमता पर सहमति व्यक्त की थी।
भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर चल रही वार्ता में सकारात्मक गति पर संतोष व्यक्त किया था। उन्होंने पिछले साल दोनों नेताओं के बीच वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान अपनाए गए ‘इंडिया-यूके रोडमैप 2030’ को लागू करने में हुई प्रगति की भी सराहना की।