राष्ट्रीय जांच एजेंसी एक अन्य आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। जो कि झारखंड में सुरक्षा बलों पर हुए हमले में नक्सलियों द्वारा रची गई साजिश में कथित शामिल था। इस मामले में अब तक 22 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। एनआईए इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।
पुलिस राज्य और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त टीम पर माओवादियों के कार्यकर्ताओं ने अंधाधुंध गोलीबारी की थी। जब टीम झारखंड में हरकट्टा टोली और बांग्लापट में बहाबर जंगल के रास्ते से गुजर रहे थे। इस मामले को जून 2022 में एनआईए को सौंपा गया। इस मामले में अब तक 22 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 23 वां आरोपी झारखंड निवासी प्रदीप सिंह चेरो हैप् इस पर भारतीय दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि आरोप पत्र यहां एक विशेष एनआईए अदालत में दायर किया गया।
एनआईए अधिकारियों ने बताया कि 23वां आरोपी चेरो प्रतिबंधित माओवादी द्वारा झारखंड में सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश का हिस्सा था। यह साजिश उनके शीर्ष कमांडर प्रशांत बोस की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए रची गई थी। एनआईए की जांच में इस मामले में विभिन्न माओवादी सशस्त्र कैडरों और जमीनी समर्थकों की संलिप्तता भी उजागर हुई है।
अधिकारियों ने यह भी जानकारी दी है कि घटना के समय क्षेत्रीय कमांडर रवींद्र गंझू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में माओवादी कैडर सुरक्षा बलों पर हमला करने की साजिश रचने के लिए लोहरदगा के बुलबुल के जंगल क्षेत्र में एकत्र हुए थे। गंझू के साथ सक्रिय माओवादी कैडर बलराम उरांव और मुनेश्वर गंझू के साथ 45-60 अन्य लोग शामिल थे। दरअसल, राज्य पुलिस और सीआरपीएफ सहित सुरक्षा बलों ने एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया था। इस दौरान उन पर माओवादी के सशस्त्र कैडरों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी। बाद में तलाशी अभियान में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।