मोदी सरकार ने बुधवार को गन्ने पर उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) बढ़ाने का फैसला किया। केंद्र ने अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाले अगले विपणन सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य पांच रुपये बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस कदम से लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को लाभ होने की संभावना है। गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी के फैसले को उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसानों को लुभाने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। चालू विपणन वर्ष 2020-21 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल है।
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हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है। मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है। हालांकि, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपनी गन्ना दरों (राज्य परामर्श मूल्य या एसएपी) की घोषणा करते हैं। यह एफआरपी के ऊपर होता है।