गुजरात के वडोदरा में दिवाली की रात माहौल अचानक बिगड़ गया। आतिशबाजी को लेकर दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। जहां पटाखे और फुलझड़ियां चल रही थीं वहां पेट्रोल बम बरसने लगे। पत्थर चलने लगे और आगजनी से इलाके में सनसनी फैल गई। देर रात सांप्रदायिक झड़प के बीच पहुंची पुलिस को भी निशाना बनाया गया। पुलिकर्मियों को निशाना बनाकर भी पेट्रोल बम फेकें गए। किसी तरह स्थिति को काबू में किया गया। पुलिस ने दोनों पक्षों से कुल 19 लोगों को हिरासत में लिया है।
सांप्रदायिक हिंसा मंगलवार देर रात करीब 12:45 पर वडोदरा के पानीगेट इलाके में हुई, जो बेहद संवदेनशील माना जाता है। पहले भी इसी इलाके में सांप्रदायिक तनाव हुआ था। बताया जा रहा है कि बवाल एक बाइक में रॉकेट लग जाने के बाद हुआ। हिंसा से पहले उपद्रवियों ने इलाके के स्ट्रीट लाइट्स को बंद कर दिया था, ताकि अंधेर में उनकी पहचान ना हो सके। पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी के जरिए हिंसा करने वालों की पहचान में जुटी है।
जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उनमें एक ऐसा शख्स भी शामिल है जिसने पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम से हमला किया। आरोपी ने घर की तीसरी मंजिल से पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर पेट्रोल बम फंका। हालांकि, पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए। वडोदरा के डीसीपी यशपला जागानिया ने कहा कि झड़प में कोई घायल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि एक मोटरसाइकिल पर रॉकेट पटाखा गिर जाने से इसमें आग लग गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पटाखों फोड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद लोग एक दूसरे पर बम फेंकने लगे। दो समुदाय के लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर भी फेंके। घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में हैं। उन्होंने कहा कि घटना में शामिल दोनों समुदाय से लोगों की पहचान की जा रही है। संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
वडोदरा के सीपी शमशेर सिंह ने हिन्दुस्तान टाइम्स को को बताया कि दो समुदायों के बीच गलतफहमी की वजह से झड़प हुई। वहीं, पानीगेट थाने के इंस्पेक्टर केके कमवाना ने कहा, ”एक रॉकेट बाइक पर जा गिरा, जिससे उसमें आग लग गई। इसके बाद पत्थरबाजी हुई। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। अब तक करीब 20 लोगों को पकड़ा गया है।” इससे पहले 3 अक्टूबर को पुलिस ने वडोदरा में तिरंगा फहराने को लेकर हुए झड़प के बाद 40 लोगों को गिरफ्तार किया था।