राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि मूल शिवसेना वही है, जिसका नेतृत्व उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पार्टी को न्याय मिलने की उम्मीद भी जताई। राउत ने कहा कि यद्यपि ‘स्वतंत्रता और स्वायत्तता’ अब स्वायत्त संस्थानों में नहीं देखी जा रही है, फिर भी उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा है। आयोग 12 जनवरी को शिवसेना के दोनों गुटों की याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
उन्होंने कहा कि जब शिवसेना के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल करने वाले नेता पार्टी छोड़ चुके हों, तो इसे टूट नहीं कहा जा सकता। वे हार जाएंगे। मूल शिवसेना के 56 विधायकों में से 39 विधायक और महाराष्ट्र के 18 लोकसभा सांसदों में से 13 ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया था।
इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि भारत को चीन से बाहर निकलने वाले उद्योगों को आकर्षित करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘दुनिया का कारखाना’ कहे जाने वाले चीन से उद्योगों का ‘पलायन’ हुआ है। चीन में वैश्विक उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत उत्पादन होता है।
फडणवीस ने यह भी कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने पिछले छह महीनों में 90,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी है। वैश्विक निवेशकों ने इस समय चीन से हटने का फैसला किया है और भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जो इस निकासी को आत्मसात कर सकता है।