चीन द्वारा हाल ही में जारी किए अपने आधिकारिक नक्शे को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। इसमें चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र में दिखाया है। इस मुद्दे पर भारत द्वारा इस पर नाराजगी जताने के बावजूद चीन अपनी गलती नहीं मान रहा, बल्कि अड़ियल रवैया अपनाते हुए इसे ‘सामान्य’ करार दिया है। इतना ही नहीं, चीन के विदेश मंत्रालय ने बिना भारत का नाम लिए इस मामले की गलत ढ़ंग से व्याख्या से करने से बचने को भी कहा है। बता दें कि चीन ने यह कदम तब उठाया है जब अगले महीने में चीनी राष्ट्रपति जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आने वाले हैं।
चीन ने अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाने वाले 2023 के लिए एक नए मानक मानचित्र जारी करने के अपने कदम का बुधवार को बचाव किया। चीनी सरकारी आउटलेट द्वारा भारत के राजनयिक विरोध पर उनकी प्रतिक्रिया पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बुधवार को बीजिंग में कहा कि 23 अगस्त को चीन के राष्ट्रीय संसाधन मंत्रालय ने मानक मानचित्र का 2023 संस्करण जारी किया। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रक्रिया के तहत नक्शे का 2023 एडिशन जारी किया है। चीन की संप्रुभता और अखंडता का ध्यान रखते हुए इस नक्शे को जारी किया गया है। हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष उद्देश्यपूर्ण और शांत रह सकते हैं, और मुद्दे की अधिक व्याख्या करने से बच सकते हैं।
भारत ने जताई थी आपत्ति
चीन के विवादित नक्शे पर भारत ने तुरंत आपत्ति जताई थी। भारत ने कहा था,अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।’ विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हमने चीन के तथाकथित 2023 मानक मानचित्र पर चीनी पक्ष के साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मानचित्र में भारत के जिन क्षेत्र पर दावा किया गया है, हम इन दावों को खारिज करते हैं क्योंकि इनका कोई आधार नहीं है। चीनी पक्ष के ऐसे कदम केवल सीमा मुद्दे के समाधान को जटिल बनाएंगे।
एस जयशंकर बोले- बेतुके दावे करना चीन की पुरानी आदत
वहीं, चीन की इस हरकत को लेकर विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कड़ी प्रतिक्रिया है। उन्होंने कहा कि चीन ऐसे बेतुके दावे करता रहता है, ऐसा करना उसकी पुरानी आदत है। आगे बोले कि बेतुके दावे करने से दूसरों का क्षेत्र आपका नहीं हो जाता। अपने आधिकारिक नक्शे में अन्य देशों के क्षेत्रों को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। केवल भारत के कुछ हिस्सों के साथ नक्शा जारी करने से कुछ भी नहीं बदलेगा। हमारी सरकार इस बारे में बहुत स्पष्ट है कि हमें अपने क्षेत्र में क्या करना है।
इन इलाकों को नक्शे में किया गया है शामिल
गौरतलब है कि चीनी अखबार ने बताया था कि चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया है। यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है। मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को भी अपने क्षेत्र में दर्शाया है। बता दें, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। वहीं, भारत ने चीन के इस मानचित्र को खारिज किया है। भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में भी यह भारत का ही अविभाज्य हिस्सा रहेगा।
चीन का यह कदम तब आया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की थी। जिस पर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं पर चर्चा की थी।