अरुणाचल प्रदेश के भाजपा विधायक दासंगलू पुल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शीर्ष कोर्ट ने चुनावी हलफनामे में संपत्तियों की जानकारी छिपाने के लिए भाजपा विधायक दासंगलू पुल के 2019 के चुनाव को खारिज करने वाले गौहाटी हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने भाजपा विधायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
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जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने पुल की अपील को स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया। बता दें कि गोहाटी हाईकोर्ट की ईटानगर पीठ ने 25 अप्रैल को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अंजॉ जिले की हयुलियांग विधानसभा सीट से उनके चुनाव को अमान्य घोषित कर दिया था।
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पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल की तीसरी पत्नी दासंगलू पुल (45) अपने पति की मृत्यु के बाद 2016 में उपचुनाव में पहली बार जीतने के बाद 2019 में इस सीट पर फिर से चुनी गईं। 2019 में हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार लुपालम क्रि ने पुल के चुनाव को चुनौती दी थी। क्रि ने अपनी याचिका में दावा किया कि पुल की उम्मीदवारी काफी हद तक दोषपूर्ण थी क्योंकि उन्होंने चुनावी हलफनामे में अपने पति की मुंबई में चार और अरुणाचल प्रदेश में दो संपत्तियों की घोषणा नहीं की थी।
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उन्होंने दावा किया कि रिटर्निंग ऑफिसर ने पुल के खिलाफ लिखित शिकायत के बावजूद उनकी उम्मीदवारी को अनुचित तरीके से स्वीकार कर लिया था। दासंगलू पुल ने अदालत को बताया कि कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के अनुसार, कलिखो पुल की पहली पत्नी डांगविमसाई पुल उनकी संपत्तियों की मालिक हैं। इसलिए उन्होंने चुनावी हलफनामे में इनमें से किसी भी संपत्ति का जिक्र नहीं किया।