राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले फर्जी संदेशों के प्रति आगाह किया है। एनआईए के नाम पर फैलाए जा रहे “झूठे और भ्रामक” संदेशों के बारे में सचेत करते हुए केंद्रीय एजेंसी ने नागरिकों से कहा है कि ‘शरारती साजिश’ से सतर्क रहने की जरूरत है। एनआईए ने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों और तत्वों के बारे में जानकारी देने वाले लोगों का स्वागत है।
कुछ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रसारित अपील का खंडन करते हुए एनआईए ने कहा कि देश में मुसलमानों की तरफ से किसी भी गलत काम के बारे में जानकारी मांगने के लिए एनआईए की तरफ से कोई अपील नहीं की गई है। कई बार साझा की गई एक हिंदी पोस्ट को खारिज करते हुए एनआईए ने कहा, देखने में आया है कि कुछ गलत और भ्रामक संदेश, कथित तौर पर एनआईए की तरफ से जारी किए जाने का दावा किया जा रहा है। सभी को सूचित किया जाता है कि एनआईए ने इस तरह की जानकारी के लिए ऐसा कोई संदेश जारी नहीं किया है।”
इस्लामिक स्टेट का जिक्र
संदेशों को “पूरी तरह से झूठे, नकली और दुर्भावनापूर्ण बताते हुए एनआईए ने कहा कि ये जनता को गुमराह करने की शरारती साजिश का हिस्सा हैं। एनआईए की जांच के दौरान यह पता चला है कि प्रतिबंधित आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट भोले-भाले भारतीय युवाओं को निशाना बना रहा है। इस्लामिक स्टेट अपने हिंसक और गैरकानूनी मंसूबों को आगे बढ़ाने के लिए झूठे प्रचार के जरिए उन्हें कट्टरपंथी बना रहा है।
भ्रामक संदेशों को शेयर न करने की अपील
सितंबर 2021 की अपील का जिक्र करते हुए एनआईए ने कहा, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना एनआईए सहित अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसी के लैंडलाइन नंबर- 011-24368800 पर दी जा सकती है। एनआईए ने दोहराया, “हम लोगों से फिर से अपील करते हैं कि वे ऐसे फर्जी और झूठे संदेशों से गुमराह न हों। झूठे संदेशों पर विश्वास न करें, इनका प्रचार न करें। सोशल मीडिया पर भ्रामक संदेशों को शेयर न करें।