प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘पनौती’ वाले बयान पर सियासत तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसको लेकर बुधवार को अपना विरोध जताया और चुनाव आयोग (ईसी) से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।
पार्टी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल और एक अन्य पदाधिकारी ओम पाठक समेत भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने उन पर यह झूठा दावा करने का आरोप लगाया कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी जाति गुजरात की ओबीसी सूची में शामिल की गई थी।
ओम पाठक ने कहा कि घांची जाति को 1999 में ओबीसी सूची में शामिल किया गया था, जबकि मोदी 2001 में मुख्यमंत्री बने थे। चुनाव आयोग को भेजे पत्र में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कहा, हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि लगातार फर्जी, आधारहीन और अपमानजनक व्यवहार के लिए मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप करें और उन पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश पारित करें।
पत्र में आगे कहा गया, अन्यथा यह चुनावी माहौल को खराब करेगा और असभ्य व अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने और झूठी खबरें फैलाने के लिए किया जाएगा। अहमदाबाद में विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद राहुल गांधी ने राजस्थान में एक चुनावी भाषण दिया था और प्रधानमंत्री मोदी के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था।
‘पनौती’ शब्द का इस्तेमाल एक ऐसे व्यक्ति के लिए किया जाता है, जो बुरी किस्मत को लाता है। राधा मोहन दास अग्रवाल ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए उन्हें एक ‘विवेकहीन और मूल्यहीन’ राजनेता बताया और कहा कि पीएम मोदी का विश्व के नेता सम्मान करते हैं।