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Friday, November 22, 2024

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CJI DY Chandrachud Comment: लोकतांत्रिक सरकारों को नसीहत; कमजोर तबके का साथ देने के साथ-साथ अल्पसंख्यक पर भी बोले

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि सरकारों को कमजोर आबादी का पक्ष लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमजोर आबादी संख्या या सामाजिक पैमाने पर अल्पसंख्यक हो सकती है, लेकिन लोकतंत्र में सभी नागरिकों को स्वतंत्र महसूस करना चाहिए। जस्टिस केशव चंद्र धूलिया मेमोरियल निबंध प्रतियोगिता में सीजेआई ने कहा, लोकतंत्र में बहुमत का अपना रास्ता होगा, लेकिन अल्पसंख्यकों को भी अपनी बात कहने का अधिकार मिलना चाहिए।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोकतंत्र में सभी हितधारकों को मौके मिलने चाहिए, ताकि केवल बहुसंख्यकवादी प्राथमिकताओं पर ही काम न हो। सीजेआई ने कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिक स्वतंत्र महसूस करें, इसके लिए राज्य सरकारों को कमजोर आबादी का पक्ष लेना चाहिए। पहली नजर में यह बहुमत वाले शासन और लोकतांत्रिक सिद्धांत के खिलाफ लग सकता है, लेकिन बहुमत की सरकार में सरकार इसे स्थापित कर सकती है।

चीफ जस्टिस  ने कहा, “लोकतंत्र की सुंदरता नैतिक स्थिति की भावना है जिसके साथ सभी नागरिक देश की विकास यात्रा में भाग ले सकते हैं। उन्होंने दोहराया, लोकतंत्र में बहुमत का अपना रास्ता होगा, लेकिन अल्पसंख्यक को भी अपनी बात कहने का मौका मिलेगा। सीजेआई ने लोकतंत्र में जरूरतों के इर्द-गिर्द संवाद की प्रक्रिया को सहेजने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में अलोकप्रिय और अस्वीकार्य असहमति से भविष्य की संभावनाएं मिलती हैं।

सीजेआई ने कहा, गुलामी का उन्मूलन, जाति उन्मूलन, लैंगिक अल्पसंख्यकों की मुक्ति और धार्मिक सद्भाव जैसी तमाम घटनाएं असहमतिपूर्ण से भरी थीं। हालांकि, असहमति से महत्वपूर्ण बातचीत को जन्म मिला और समाज को मौलिक रूप से पुनर्गठित करने की ताकत भी मिली।

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