कांग्रेस की मुंबई इकाई ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से दादर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर चैत्यभूमि करने का आग्रह किया। चैत्यभूमि भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अंतिम विश्राम स्थल है। छह दिसंबर को डॉ.अंबेडकर की पुण्यतिथि को ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन राज्य भर से हजारों लोग चैत्यभूमि में इकट्ठा होते हैं।
मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष वर्षा गायकवाड़ ने चैत्यभूमि पर डॉ.अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘पहले राज्य सरकार ने एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रभादेवी करने की मांग के साथ केंद्र से संपर्क किया था। इसी तर्ज पर दादर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर चैत्यभूमि किया जाना चाहिए। यह डॉ.अंबेडकर के लाखों अनुयायियों की लंबे समय से लंबित मांग है।’
‘नाम बदलने की भीम सैनिकों की बहुत पुरानी मांग’
राज्य सरकार ने 2018 में एलफिंस्टन रोड स्टेशन का नाम बदलकर प्रभादेवी कर दिया। उन्होंने कहा कि जब ओशिवारा में एक नया रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा था, तो इसका नाम राम मंदिर रखा गया था। उन्होंने कहा, ‘अगर हम इस पर विचार करें तो दादर रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर चैत्यभूमि करने की भीम सैनिकों की मांग बहुत पुरानी है। गायकवाड़ ने पूछा, उनकी मांग मजबूत या उग्र नहीं थी, लेकिन अगर अन्य मांगों को पूरा किया गया और अगर लाखों अनुयायी वर्षों से नाम बदलने की मांग कर रहे हैं, तो समस्या क्या है?’
‘हर साल चैत्यभूमि आते हैं अंबेडकर के लाखों अनुयायी’
पूर्व मंत्री ने कहा कि दादर क्षेत्र ने डॉ.अंबेडकर के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा, ‘वह ‘राजगृह’ (मुंबई में उनका आवास) में रहते थे और उनका अंतिम संस्कार भी यहीं किया गया। हर साल उनके लाखों अनुयायी चैत्यभूमि आते हैं। नतीजतन, राज्य सरकार को उनकी मांग का सम्मान करना चाहिए और इसी (राज्य विधानमंडल के) सत्र में ही प्रस्ताव पेश करना चाहिए।’