महाराष्ट्र में दो प्रमुख राजनीतिक पार्टियां शिवसेना और एनसीपी के दो धड़े हो जाने के बाद से ही राज्य की राजनीति में बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बीच जुबानी जंग फिर से शुरू हो गई हैं। अजित पवार पर कटाक्ष करते हुए संजय राउत ने सोमवार को कहा कि जिन लोगों ने गुलामी को स्वीकार किया है, उन्हें महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं पर टिप्पणी करने का कोई अधिकारी नहीं हैं।
संजय राउत ने टिप्पणी करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर हमला करते हुए कहा कि जो कायर हैं, उन्हें हम पर टिप्पणी नहीं करना चाहिए, जिन्होंने गुलामी को चुना है, उन पर मुझे ज्यादा बोलने की जरूरत नहीं हैं। अगामी लोकसभा चुनाव दिखाएगा कि कौन झगड़ालू हैं। संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र का लगातार अपमान हो रहा है, लेकिन सत्ता में बैठें लोग चुप्पी साधे हुए हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर तीखा हमला करते हुए संजय राउत ने कहा कि जो गुलाम हो चुके हैं, उन्हें दूसरों की आलोचना करने का क्या अधिकार हैं। गौरतलब है कि अजित पवार पिछले जुलाई में आठ विधायकों के साथ शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। साथ ही एनसीपी में दो फाड़ के बाद अजित पवार ने एनसीपी और उनके चुनाव चिन्ह पर अपना दावा ठोका था।
एमवीए के सहयोगियों के बीच कोई खींचतान नहीं- राउत
इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा कि लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे को लेकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के सहयोगियों के बीच कोई खींचतान नहीं है।उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी और केंद्र एवं महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेताओं के बीच अच्छी समझ है। राउत ने कुछ दिन पहले कहा था कि उनकी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) माराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 23 पर चुनाव लड़ेगी। इसके बाद कांग्रेस में नाराजगी पैदा हो गई थी। अब उन्होंने कहा है कि उम्मीदवारों के चयन में जीतने की क्षमता ही मानदंड होगा।