26 C
Mumbai
Friday, November 22, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

शीर्ष अदालत में छठवें दिन सुनवाई एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर, केंद्र सरकार ने कही ये बात

सर्वोच्च न्यायालय में मंगलवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) दर्ज पर सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में कहा कि किसी भी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान को राष्ट्र के ढांचे को प्रतिबिंबित करना चाहिए। सरकार ने कहा, एएमयू में 70 से 80 फीसदी मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं और वे (प्रवेश में) आरक्षण के बगैर वहां पढ़ रहे हैं। 

एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे पर मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने दलीलों को सुना। केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। मेहता ने बताया कि मामले में फैसला करने में सामाजिक न्याय एक निर्णायक कारक हो सकता है।उन्होंने पीठ से कहा, वहां प्रवेश में आरक्षण के बिना भी करीब 70 से 80 फीसदी छात्र मुस्लिम हैं।

पीठ में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के अलावा, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा शामिल हैं। मेहता ने कहा, ‘मैं धर्म के नजरिए से बात नहीं कर रहा हूं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। संविधान में जिस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है, उसे राष्ट्रीय ढांचे को प्रतिबिंबित करना चाहिए। (प्रवेश में) आरक्षण के बिना यह स्थिति है।’ उन्होंने आगे कहा, इसलिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के योग्य अभ्यर्थियों को वहां प्रवेश नहीं मिलेगाऔर ऐसे व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा जिसके लिए धर्म के आधार पर सब कुछ होगा। 

सॉलिसिटर जनरल ने शीर्ष अदालत में अपना लिखित जवाब दाखिल किया। इसमें उन्होंने कहा कि किसी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान को केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 (2012 में संशोधित) की धारा तीन के तहत आरक्षण नीति लागू करने की जरूरत नहीं है। मेहता ने आरक्षण का हवाला देते हुए कहा कि एएमयू बेहतरीन विश्वविद्यालयों में से एक है। इसे राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के महत्व के रूप में मान्यता हासिल है। मामले पर सुनवाई के छठवें दिन सरकार ने कहा कि 1920 में अल्पसंख्यक या अल्पसंख्यक अधिकारों की कोई अवधारणा नहीं थी। एएमयू अधिनियम 1920 में अस्तित्व में आया था। 

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here