मराठा आरक्षण की मांग करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने रविवार को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदावारों को लेकर मराठा समुदाय से 30 मार्च से पहले निर्दलीय उम्मीदवारों के चयन के लिए अपील की है। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि मराठा समुदाय का महाराष्ट्र में 17 से 18 लोकसभा क्षेत्रों तक प्रभाव है।
जालना जिला में मराठा समुदाय के सदस्यों की एक बैठक को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि मैं राजनीति नहीं जानता और इसमें मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। मराठा समुदाय के सदस्य 30 मार्च से पहले जाति और धर्म और किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होने के बावजूद उम्मीदवारों का चयन करते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने पर फैसला बाद में लिया जाएगा।
‘एक निर्वाचन क्षेत्र में मराठा समुदाय के कई उम्मीदवारों को उतारे के खिलाफ’
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे ने कहा कि एक निर्वाचन क्षेत्र में मराठा समुदाय के कई उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के खिलाफ हैं क्योंकि इससे समुदाय को नुकसान होगा और वोट विभाजित होंगे। जरांगे ने कहा कि ‘सेज सोयर’ (कुनबी मराठों के रक्त संबंधी) पर मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन का मुद्दा मुख्य रूप से केंद्र के बजाए राज्य सरकार का है।
अभी तक मसौदा अधिसूचना लागू नहीं की गई- मनोज जरांगे
जालना में एक कार्यक्रम के दौरान मनोज जरांगे ने इस बात पर सहमति जताई कि वह लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों को निर्दलीय के तौर पर मैदान में उतारना चाहते हैं। जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रति गहरा स्नेह है, लेकिन उन पर विश्वास के बावजूद, मसौदा अधिसूचना लागू नहीं की गई है। साथ ही उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले दर्ज किये जाने की निंदा की। गौरतलब है कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर पांच चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल, 7 मई, 13 मई और 20 मई को चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 4 जून को होगी।