असम में भारी बारिश के बाद कई नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) द्वारा यह जानकारी दी गई है। आयोग का कहना है कि कई जगहों पर नदियों के जलस्तर की गंभीर स्थिति देखी गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार असम में तीन स्थानों पर बाढ़ की गंभीर स्थिति बन रही है। इन तीन जगहों में जहां नदियों का स्तर खतरे के निशान को छू रहा है। इसके अलावा तीन स्थानों पर बाढ़ की स्थिति सामान्य से ऊपर है।
सीडब्ल्यूसी का कहना है कि बाढ़ की वजह से 39,000 से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया है। इसके लिए अलग अलग जिलों में 193 राहत शिविर बनाए गए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा लगातार राहत और बचाव का काम किया जा रहा है। सीडब्ल्यूसी के अनुसार असम की बुरीदेहिंग नदी सामान्य से ऊपर बह रही है। सोमवार सुबह 11 बजे तक नदी का जल स्तर 133.54 मीटर दर्ज किया गया। बताया गया है कि यह संभावित खतरे का संकेत हो सकता है। सीडब्ल्यूसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सोनितपुर जिले में जियाभराली नदी का जलस्तर 77.30 मीटर पहुंच गया है। यह स्तर सामान्य से ऊपर है और बाढ़ की स्थिति में बनी हुई है।
28 मई से अब तक 18 लोगों की मौत
मोरीगांव और नागांव जिलों में कोपिली नदी भी उफान पर है और इस वजह से गंभीर बाढ़ की स्थिति बन रही है। मोरीगांव के धरमातुल में कोपिली नदी 56.42 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 0.42 मीटर ऊपर है। वहीं, नगांव के कामपुर में कोपिली नदी का जलस्तर 61.04 मीटर पर है जो खतरे के निशान से 0.54 मीटर ऊपर है। उधर असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि बाढ़ से 13 जिलों में पांच लाख से अधिक लोग अभी भी प्रभावित हैं। इससे पहले एएसडीएमए ने शनिवार को बताया था कि 10 जिलों में बाढ़ प्रभावित लोगों की संख्या छह लाख से अधिक थी। बता दें कि बाढ़ और तूफान की वजह से कछार में दो और नगांव में एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसके साथ ही 28 मई से लेकर अब तक बाढ़ और तूफान में मारे गए लोगों की संख्या 18 हो गयी है।