सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने शनिवार को बारिश और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में नौ लोगों की मौत पर दुख जताया। उन्होंने केंद्र सरकार को आपदा के बारे में सूचित किया है।
तमांग ने बयान में कहा, मंगन में छह लोगों की मौत हो गई और मजुआ में भूस्खलन के कारण तीन लोगों की जान चली गई है और कई घायल हो गए हैं। कई घरों को नुकसान पहुंचा है। कुल 67 परिवारों को स्थानांतरिक किया गया। उन्होंने कहा, मैंने व्यापक नुकसान के बारे में केंद्र सरकार को बताया है और हमारी मदद के लिए तत्काल पैसे देने का अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा, सड़कें बंद होने और भारी वाहनों की आवाजाही न होने के कारण हमें खाद्य पदार्थों और वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का सामना करना पड़ रहा है। हम इन मामलों को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और केंद्र से मदद मांगी है। हम मृतकों के परिवारों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, हम उन लोगों के घरों का भी पुनर्निमाण करेंगे, जिनकी संपत्ति नष्ट हो गई है या बह गई है।
सिक्किम में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है। कहीं सकड़ें टूट गई है तो कहीं सड़कें नदी में समा गई हैं। भारी बारिश और भूस्खलन से मंगन जिले में रास्ते बंद होने से लाचुंग में 1,200 से अधिक घरेलू और 15 विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। पूर्वी सिक्किम के दिक्चू में सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दक्षिण सिक्किम में लिंगी-पायॉन्ग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बारिश से पूरी तरह तबाह हो गई है। तीस्ता नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे नदी तट के आसपास रहने वाले लोगों में दहशत बढ़ गई है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री तमांग ने शुक्रवार को राज्य में हालिया आपदा से निपटने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अधिकारियों ने गंभीर सड़क व्यवधानों और प्रभावित लोगों के लिए तत्काल चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नुकसान की जानकारी दी।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और कनेक्टिविटी और राहत प्रयासों को फिर से स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) मंत्री अरुण उप्रेती, सड़क एवं पुल मंत्री एन.बी. दहल सहित सभी विभागों के मुखिया उपस्थित थे।