सड़क हादसों के पीड़ितों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने के लिए एक योजना तैयार की गई है। इस योजना का पायलट आधार पर चंडीगढ़ और असम में क्रियान्वयन शुरू किया गया है। केंद्र सरकार ने गुरुवार को संसद में यह जानकारी दी।
लोकसभा में एक लिखित जवाब में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत पात्र पीड़ित को ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ (एबीपीएम-जेएवाई) के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में दुर्घटना की तारीख से सात दिनों के लिए अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य लाभ पैकेज दिया जाता है।
गडकरी ने कहा, सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सहयोग से सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार की है। इसमें सड़क पर किसी भी तरह के मोटर वाहन के इस्तेमाल से हुई दुर्घटना शामिल है। इस योजना का चंडीगढ़ और असम में पायलट आधार पर क्रियान्वयन शुरू किया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, मंत्रालय ने एक योजना तैयार की है और चंडीगढ़ व असम में पायलट आधार इसका क्रियान्वयन शुरू किया है। इस योजना को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 164 बी के तहत गठित ‘मोटर वाहन दुर्घटना कोष’के तत्वाधान में प्रशासित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, केंद्रीय मोटर वाहन (मोट वाहन दुर्घटना कोष) नियम, 2022 के तहत आय के स्त्रोत और उसके इस्तेमाल को लेकर प्रावधान किए गए हैं।
स्थानीय पुलिस, सूचीबद्ध अस्पतालों, राज्य स्वास्थ्य एजेंसी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र और सामान्य बीमा परिषद के साथ समन्वय में एनएचए योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार है। मंत्री ने कहा कि मोटर वाहन के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को मुफ्त उपचार के लिए चंडीगढ़ और असम में शुरू की गई पायल योजना घटना के स्थान की परवाह किए बिना मदद प्रदान करता है।