26 C
Mumbai
Friday, November 22, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

SC के आदेश पर टास्क फोर्स गठित, दो महीने में सौंपेगी रिपोर्ट; इन अहम बातों पर रहेगा ध्यान

देश में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन किया। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 14 सदस्यों की इस समिति की घोषणा की है जिसमें कैबिनेट से लेकर गृह सचिव तक शामिल हैं। यह समिति तीन सप्ताह के दौरान अपनी अंतरिम रिपोर्ट देगी जबकि अंतिम रिपोर्ट के लिए दो महीने का वक्त दिया है।

इन अहम मुद्दों पर रहेगा समिति का ध्यान
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के अलावा अस्पतालों में बुनियादी विकास, सामाजिक कार्यकर्ताओं की तैनाती और अस्पताल परिसर में पुलिस चौकी की स्थापना जैसे मुद्दों पर भी ध्यान दिया जाएगा। मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय टास्क फोर्स (एनटीएफ) चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा, कामकाजी परिस्थितियों और भलाई के अलावा अन्य संबंधित मामलों के समाधान को लेकर प्रभावी सिफारिशें तैयार करेगा।

दो चरणों में सिफारिशें तैयार करने के निर्देश
मंत्रालय का कहना है कि चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित कार्य स्थल प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय टास्क फोर्स से दो चरणों में सिफारिशें तैयार करने के लिए कहा है। पहले चरण के तहत अस्पतालों में उचित सुरक्षा सुनिश्चित करना है जिसमें इमरजेंसी, आईसीयू जैसे क्षेत्र में बाहरी लोगों के आवागमन की निगरानी रखना और हिंसा या किसी लड़ाई की आशंका होने पर समय रहते सुरक्षा मुहैया कराना शामिल है। इसी रिपोर्ट में बुनियादी विकास को लेकर भी सिफारिश दी जाएगी जिसके तहत प्रत्येक विभाग में अलग-अलग विश्राम कक्ष और ड्यूटी रूम का प्रावधान शामिल होना चाहिए।

पुरुष और महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए अलग अलग विश्राम स्थान होने चाहिए। ये अच्छी तरह हवादार होने चाहिए और बिस्तर के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए। बाहरी व्यक्तियों की इन कमरों तक पहुंच प्रतिबंधित होनी चाहिए। इसके अलावा अस्पताल में सभी स्थानों पर पर्याप्त रोशनी, सभी प्रवेश व निकास द्वारों पर सीसीटीवी कैमरे और डॉक्टरों के लिए अपने कक्ष स्थल तक पहुंचने के लिए रात 10 से सुबह 6 बजे के बीच परिसर में परिवहन का प्रावधान शामिल है।

दूसरे चरण के तहत राष्ट्रीय टास्क फोर्स प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की तैनाती को लेकर अपनी सिफारिश देगी ताकि जरूरत पड़ने पर काउंसलिंग के लिए इनका सहयोग लिया जा सके। कर्मचारी सुरक्षा समितियों का गठन, अस्पताल में सुरक्षा उपायों पर त्रैमासिक ऑडिट और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड के तय मानकों के अनुसार स्वास्थ्य रक्षक सुविधाएं प्रदान करना शामिल है।

14 सदस्यों की समिति में ये सभी शामिल
मंत्रालय ने बताया कि कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में राष्ट्रीय टास्क फोर्स में गृह सचिव, स्वास्थ्य सचिव, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड के अध्यक्ष को शामिल किया है। इनके अलावा नौ सेना में चिकित्सा महानिदेशक सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी व एआईजी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी, दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य संस्थान और न्यूरो साइंसेज (निम्हांस) बेंगलुरु की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति, जोधपुर एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. गोवर्धन दत्त पुरी, दिल्ली के गंगाराम अस्पताल के डॉ. सौमित्र रावत, रोहतक के पंडित बी डी शर्मा मेडिकल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अनीता सक्सेना, मुंबई के सर जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सपले और दिल्ली एम्स की पूर्व न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. पद्मा श्रीवास्तव शामिल हैं।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here