ब्रिटेन में राजनयिक वीजा व्यवस्था में बदलाव किया गया है। अब राजनयिक पासपोर्ट धारकों को यहां न तो आवेदन शुल्क जमा करना होगा और न ही उनको फिंगर प्रिंट स्कैन कराने होंगे। भारतीय मूल की प्रवासन और नागरिकता मंत्री सीमा मल्होत्रा ने संसद में नई राजनयिक आगंतुक वीजा प्रक्रिया शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूके सीमा को डिजिटल प्री ट्रैवल चेक करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसके बाद राजनयिक वीजा पर मिलने वाली छूट को राजनयिक वीजा व्यवस्था में बदल दिया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत उन देशों के राजनयिक पासपोर्ट धारकों को लाभ मिलेगा जिन्हें उनकी सरकारों ने नोट वर्बेल के जरिये नामित किया है। ऐसे वीजा धारकों को छूट का लाभ मिलता रहेगा। साथ ही पात्र राजनयिक पासपोर्ट धारकों को विशेष वीजा प्रदान किया जाएगा। इसके आवेदन की प्रक्रिया आसान और सरल होगी। साथ ही आवेदन शुल्क और फिंगर प्रिंट स्कैनिंग जरूरी नहीं होगी। इसका उद्देश्य यूके में राजनयिक यात्रा को समर्थन देना और बेहतर सुविधा प्रदान करना है। नई व्यवस्था से आंगतुकों को कई अन्य लाभ भी मिलेंगे। साथ ही ये परिवर्तन उन मान्यता प्राप्त राजनयिकों को प्रभावित नहीं करेंगे जो स्वतंत्र हैं या आव्रजन नियंत्रण से मुक्त हैं।
मंत्री ने वीआईपी डेलीगेट वीजा का भी अनावरण किया। इसके तहत ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा पर आने वाले राष्ट्राध्यक्षों और सरकारी मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल के लिए कुछ प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत राष्ट्राध्यक्षों के साथ आने वाले सरकारी आधिकारिक प्रतिनिधियों के लिए 20 लोगों की सीमा तय की जाएगी। साथ ही सेवारत सरकारी मंत्रियों के साथ आने वाले सरकारी आधिकारिक प्रतिनिधियों के लिए 10 की ऊपरी सीमा तय की जाएगी। इसके लिए आवेदन करने वालों के आवेदन का मूल्यांकन आव्रजन नियमों के तहत किया जाएगा।
इसके अलावा मंत्री ने साथी की मृत्यु से जूझ रहे और वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे पात्र विदेशी नागरिकों के ब्रिटेन में निपटान के लिए आवेदन शुल्क माफ करने का एलान किया। वर्तमान में जो लोग अपने ब्रिटिश नागरिक साथी की मृत्यु के बाद यूके में निपटान के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें 2,885 ग्रेट ब्रिटिश पाउंड शुल्क का भुगतान करना पड़ता है। अब यह शुल्क नौ अक्तूबर से माफ कर दिया जाएगा।