आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को उद्योग, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण समेत कई क्षेत्रों में छह ‘गेम चेंजर’ नीतियों की घोषणा की, जिसका उद्देश्य राज्य में 20 लाख नौकरियां पैदा करना है। इस दौरान सीएम नायडू ने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच वर्षों में 30 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करने पर विचार कर रही है।
‘राज्य को USD 10 बिलियन की FDI मिलने की उम्मीद’
सीएम नायडू ने कहा कि राज्य को 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिलने की भी उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि विनिर्माण क्षेत्र से सकल मूल्य संवर्धन (जीवीए) जो 2024 में 3.4 लाख करोड़ रुपये आंका गया है, उसे 2029 तक 7.3 लाख करोड़ रुपये तक ले जाया जाएगा, जिससे पांच लाख नई नौकरियां पैदा होंगी। मुख्यमंत्री नायडू ने एपी औद्योगिक विकास नीति 4.0, एपी एमएसएमई और उद्यमिता विकास नीति 4.0, एपी खाद्य प्रसंस्करण नीति 4.0, एपी इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 4.0, एपी औद्योगिक पार्क नीति 4.0 और एपी एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति 4.0 के रूप में छह नीतियों की घोषणा की।
सीएम नायडू ने कैबिनेट बैठक के बाद सचिवालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, एक समय में हम छह नीतियां लेकर आए। हमने इन छह नीतियों पर बहुत काम किया (और) हमने चुनावों में केवल एक ही बात कही 20 लाख नौकरियां पैदा करना इस सरकार का लक्ष्य है और हम (इसके लिए) काम करेंगे।
कई अन्य क्षेत्रों में नई नीतियां लाने की जरूरत- नायडू
सीएम ने कहा कि पर्यटन, आईटी, वर्चुअल वर्किंग और अन्य क्षेत्रों के लिए कुछ और नई नीतियां लाने की जरूरत है और जल्द ही उन्हें लाने का वादा किया। पांच साल में 20 लाख रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से, सीएम ने कहा कि हर नीति में रोजगार सृजन को प्राथमिकता देकर एक रूपरेखा तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि इन नीतियों का लक्ष्य राज्य के युवाओं को वैश्विक रूप से सोचना और वैश्विक रूप से कार्य करना है, उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य प्रति परिवार एक उद्यमी तैयार करना भी है।
‘युवाओं के भविष्य में भी बड़ा बदलाव लाएंगी ये नीतियां’
सीएम के अनुसार, ये छह नीतियां राज्य के साथ-साथ इसके युवाओं के भविष्य में भी बड़ा बदलाव लाएंगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि प्रस्तावित रतन टाटा इनोवेशन हब का मुख्य केंद्र अमरावती में होगा और विशाखापत्तनम, राजमुंदरी, विजयवाड़ा या गुंटूर, तिरुपति और अनंतपुर में पांच क्षेत्रीय केंद्र होंगे। यह विश्वास जताते हुए कि आंध्र प्रदेश ज्ञान अर्थव्यवस्था के लिए एक नवाचार केंद्र बन जाएगा, मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी पांच केंद्र रतन टाटा के नाम पर होंगे।