नयी दिल्ली: राज्यसभा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेेस तथा अन्य दलों ने पेट्रोल और डीजल की दिनों दिन बढती कीमत को लेकर कल राज्यसभा में हंगामा किया जिसके कारण चार बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
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नियम 267 के तहत नोटिस
शून्यकाल के दौरान महिला सदस्यों ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने विचार रखे। इसके बाद जब श्री नायडू ने प्रश्नकाल शुरू करने के लिए सदस्य का नाम पुकारा तो सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमत आसमान छू रही है और उन्होंने इस ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
नोटिस अस्वीकार
सभापति ने कहा कि उन्होंने इस नोटिस को स्वीकार नहीं किया है और सदस्य विनियोग विधेयक पर चर्चा तथा अन्य मौकों पर इस मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही का पहला दिन है इसलिए सदस्यों को शांत रहकर सुचारू ढंग से कार्यवाही चलने देनी चाहिए। यह सुनते ही कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। सदन में अव्यवस्था को देखते हुए श्री नायडू ने कार्यवाही ग्यारह बजे तक स्थगित कर दी।
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चर्चा कराने से इंकार
इसके बाद उप सभापति हरिवंश ने जब 11 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू करनी चाहिए तो कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी मांग दोहरायी इस पर श्री हरिवंश ने कहा कि सभापति इस मुद्दे पर व्यवस्था दे चुके हैं और इस पर पुनर्विचार नहीं किया जा सकता। श्री खड़गे ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसपर चर्चा नहीं टाली जा सकती। विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर शोर शराबा शुरू कर दिया जिसके चलते उप सभापति ने सदन की कार्यवाही एक बजे तक स्थगित कर दी। एक बजे भी सदन में व्यवस्था कायम नहीं होने पर सदन की कार्यवाही पहले सवा बजे और फिर डेढ बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
आज से पहले की तरह चलेगा सदन
इसके बाद पीठासीन उप सभापति वंदना चौहान ने सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा कि उनके पास सदस्यों के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने कहा कि अनेक सदस्यों ने सभापति से अनुरोध किया था कि कार्यवाही के समय में बदलाव किया जाना चाहिए इसे ध्यान में रखते हुए अब सदन की कार्यवाही नियमित समय यानी सुबह ग्यारह बजे से शाम छह बजे तक चलेगी। उन्होंने कहा कि सदस्यों के बैठने की व्यवस्था भी पहले की तरह कर दी गयी है। अब सदस्य पहले की तरह सदन में अपनी जगहों पर बैठेंगे हालाकि कुछ सदस्य अभी भी राज्यसभा की दीर्घा में बैठेंगे।
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