देश के कई बड़े शहरों में, मौत के आधिकारिक आंकड़ों की तुलना में कहीं अधिक संख्या में शव कोरोना वायरस प्रोटोकॉल के तहत जलाए जा रहे हैं या दफ़्न किए जा रहे हैं।
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वहीं गुजरात के एक श्मशान में गैस और लकड़ी की भट्टियां कोविड-19 महामारी के दौरान बिना ब्रेक के इतना अधिक इस्तेमाल की गईं कि वह पिघलने लगीं।
मंगलवार को भारत में कोविड- 19 के मामलों में थोड़ी कमी आई, लेकिन फिर भी छठे-दिन लगातार यह ढाई लाख से ऊपर रहे। पिछले 24 घंटों में 2 लाख 59 हज़ार 170 मामले दर्ज किए गए। वहीं मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1,761 तक पहुंच गया।
भारतीय सोशल मीडिया और अख़बारों की रिपोर्टों में श्मशानों में जलती हुई लाशों की क़तारें देखी जा सकती हैं।
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लखनऊ स्थित कोरोना वायरस के लिए विशेष सबसे बड़े श्मशान बैकुंठ धाम के डेटा के अनुसार, अप्रैल में छह अलग-अलग दिनों में आने वाले शवों की संख्या दोगुना हो गई, जो पूरे शहर में होने वाली मौतों के सरकारी आंकड़ों से अधिक है।
लखनऊ में दो श्मशानों में मरने वालों के परिजनों को टोकन मिलने के बाद अपनी बारी के लिए 12 घंटे तक इंतज़ार करना पड़ा। एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफ़पी को बताया कि किसी ने पास के ही एक पार्क में शव जलाना शुरू कर दिया।
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इस बीच, जैसे ही यात्रियों के बीच कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई, हांगकांग ने भारत, पाकिस्तान और फ़िलीपींस से आने वाली सभी उड़ानों पर बैन लगा दिया।
मंगलवार को अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली से हांगकांग के लिए उड़ान भरने वाले कम से कम 49 यात्री कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं।
(सौ. पी.टी.न्यूज)