हरियाणा : अंबानी, अडानी के बाद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान अब पतंजलि के उत्पादों का भी बहिष्कार करेंगे। ऐसा हरियाणा इकाई के भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा है कि अब पतंजलि के उत्पादों का भी किया जाना चाहिए बहिष्कार। गुरनाम सिंह ने कहा कि हमने अब पतंजलि के उत्पादों का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया है। लेकिन बहिष्कार करने के लिये किसी से भी जबरदस्ती नहीं की जाएगी।
भाकियू नेता ने इससे पूर्व हरियाणा में टोल प्लाजा को भी फ्री कर दिया था। उन्होंने रोहतक में बातचीत में मीडिया से कहा कि इतना ही नहीं हम बीजेपी के नेताओं का भी करेंगे बहिष्कार। साथ ही उन्होंने कहा कि जहां भी भाजपा नेता प्रदेश में यात्रा करेंगे, उनका किया जाएगा बहिष्कार।
साथ ही किसानों का कहना है कि केंद्र द्वारा लाए गए कृषि कानून जब तक वापिस नहीं हो जाते, हम बहिष्कार और विरोध का यह सिलसिला जारी रखेंगे। किसानों की सरकार से एक बार फिर मंगलवार को बातचीत होनी है। जिस पर किसानों का कहना है कि सरकार के साथ हमारी बातचीत आगे इसी रणनीति पर टिकी रहेगी।
भाकियू अध्यक्ष ने बाबा रामदेव पर भी हमला बोलते हुए कहा कि रामदेव स्वदेशी का नारा देकर आज की तारीख में खुद बड़े व्यवसायी हो गए हैं। जिस तरह से भारत सरकार ने रामदेव और पतंजलि को टैक्स के मामले में छूट दी हैं जिससे वो देश के अमीरों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं।
गुरनाम ने ये भी कहा कि उसी नेता का समर्थन किया जाए जो कि राज्य में पंचायत स्तर पर भी किसानों के साथ हो। राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए गुरनाम सिंह ने कहा कि किसानों के बीच फूट डालने का काम केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर कर रही है।
सिंह ने पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का भी विरोध करते हुये कहा कि अगर किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं मानी तो 26 जनवरी को लाल किले पर किसान तिरंगा फहराएंगे।