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Friday, November 22, 2024

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ATS ने किया खुलासा पूर्व IPS अधिकारी से रंगदारी वसूलने की साजिश का, भाजपा नेता मास्टरमाइंड निकला

सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी को दुष्कर्म के मामले में फंसाकर आठ करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में गुजरात एटीएस ने कार्रवाई की है।  गुजरात आतंकवाद रोधी दस्ते इस मामले में सोमवार को पांच लोगों को गिरफ्तार करते हुए पूरे मामले का खुलासा किया। गुजरात एटीएस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया है उनमें भाजपा का एक पदाधिकारी भी शामिल है। उसे इस पूरे मामले का ‘मास्टरमाइंड’ बताया जा रहा है। उसके अलावा, गिरफ्तार लोगों में गांधीनगर के दो पत्रकारों आशुतोष पंड्या और कार्तिक जानी  के साथ दो अन्य लोग हरेश जादव और महेंद्र परमार शामिल हैं। 

एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले का मास्टरमाइंड जीके प्रजापति है, जोकि भाजपा की ओबीसी सेल की कार्यकारी समिति का सदस्य है। उसने अपने साथियों के साथ मिलकर रिटायर्ड अफसर की छवि खराब करने के लिए उनलोगों ने मिलकर दुष्कर्म का झूठा हलफनामा तैयार करवाया और फिर बदनाम करने और आठ करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने की साजिश बनाई। टायर्ड आईपीएस अधिकारी को बदनाम करने के लिए भाजपा नेता ने पत्रकार साथियों को पांच लाख रुपये भी दिए थे।गौरतलब है कि ये हलफनामा वायरल भी हुआ था। 

एटीएस के पुलिस अधीक्षक सुनील जोशी ने कहा कि आरोपियों ने एक महिला से दुष्कर्म का हलफनामा तैयार कराया, इसके बाद में उसमें छेड़छाड़ की। महिला के हलफनामे के बाद एटीएस हरकत में आ गई।उसके हलफनामे में दावा किया गया था कि एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) ने शहर के चांदखेड़ा इलाके में अपने आवास पर उसके साथ दुष्कर्म किया था। महिला ने यह भी कहा था कि पूर्व पुलिस अधिकारी ने उसके भाई के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले में मदद करने की आड़ में उसके साथ दो बार बलात्कार किया था।

एटीएस अधिकारी ने बताया कि हलफनामे पर हस्ताक्षर करने वाली महिला ने इस साल जनवरी में गांधीनगर के पेठापुर थाने में एक व्यक्ति के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। दरअसल, कुछ समय पहले हलफनामा तैयार करने के लिए महिला को कथित तौर पर चांदखेड़ा में रहने वाले एक व्यक्ति के पास ले गया था। उस व्यक्ति ने महिला से कहा कि वह एक बहुत वरिष्ठ पुलिस अधिकारी है और वह उसकी मदद करेगा। हालांकि, आरोपी प्रजापति के निर्देश के अनुसार, उसने अधिकारी का नाम अपने हलफनामे में नहीं लिखा था। बाद में प्रजापति ने जादव और परमार के साथ मिलकर सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी से पैसे ऐंठने की साजिश रची और महिला को उस हलफनामे पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी किया, जिसमें उन्होंने महिला की जानकारी के बिना पूर्व पुलिस अधिकारी का नाम लिखा था।

फिलहाल, मामले में सेक्टर-7 में मामला दर्ज किया गया है। सभी पांचों आरोपियों को आगे की जांच के लिए गांधीनगर के सेक्टर-7 पुलिस को सौंप दिया गया है। उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 389 (जबरन वसूली करने के लिए अपराध के आरोप में एक व्यक्ति को डराना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था। वहीं,भाजपा नेता प्रजापति की गिरफ्तारी के बाद गुजरात भाजपा प्रमुख पाटिल ने ‘कदाचार’ के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उन्हें निलंबित कर दिया है।  

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