सीबीआई के निदेशक प्रवीण सूद सोमवार को इंफाल पहुंचे। मणिपुर में जातीय हिंसा के हालात का जायजा लेने और सीबीआई जांच में हुई प्रगति की जानकारी लेने के लिए सीबीआई चीफ राज्य का दौरा कर रहे हैं। बता दें कि मणिपुर में जातीय हिंसा के 27 मामलों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी कर रही है। पहले इन मामलों की जांच राज्य पुलिस कर रही थी लेकिन बीते दिनों सीबीआई ने इन 27 मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली थी।
प्रवीण सूद, सीबीआई के पहले चीफ हैं जो मई में पद संभालने के कुछ महीनों बाद ही सीबीआई की लगभग सभी यूनिट्स का दौरा कर चुके हैं। प्रवीण सूद सोमवार को शाम करीब पांच बजे गुवाहाटी से इंफाल एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट पर राज्य के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस राजीव सिंह ने उनका स्वागत किया। सीबीआई प्रमुख ने राजीव सिंह के साथ राज्य के मौजूदा पर चर्चा की। रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीआई चीफ हिंसा मामलों की जांच के लिए डीआईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में बनी एसआईटी की जांच की समीक्षा कर सकते हैं। मणिपुर के थाउबाल इलाके में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने और गैंगरेप मामले की जांच भी सीबीआई ही कर रही है। सीबीआई चीफ इन मामलों की जांच की प्रगति की भी समीक्षा कर सकते हैं।
मणिपुर में बीते कई महीनों से हिंसा जारी
बता दें कि मणिपुर बीती मई से जातीय हिंसा की आग से झुलस रहा है। इस हिंसा में अब तक 175 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित होकर शरणार्थी जीवन जीने को मजबूर हैं। हिंसा की शुरुआत 3 मई से हुई थी, जब राज्य के मैतई समुदाय को जनजातीय आरक्षण देने के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में ट्राइबल सॉलिडेरिटी मार्च का आयोजन किया गया। राज्य में मैतई समुदाय की आबादी कुल आबादी की 53 फीसदी है और यह अधिकतर आबादी राज्य के मैदानी इलाके इंफाल और आसपास के इलाकों में रहती है। वहीं कुकी और नगा जनजाति कुल आबादी की 40 फीसदी हैं और ये पहाड़ी इलाकों में रहते हैं।