राजधानी दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज सख्त लहजे में कहा कि टीवी डिबेट से सबसे ज्यादा प्रदूषण फैल रहा है. कोर्ट ने आगे कहा कि टीवी चैनल हद करते हैं, यहां कहा कुछ जाता है और वो उसका बना कुछ और ही देते हैं.
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ऐसा लगता है कि उनको चीजों की समझ ही नहीं है, वो बस अपने एंजेडे को बढ़ाने में लगे हैं.सीजेआई ने पराली को लेकर दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से कहा, अगर आप इसी तरह और बातें उठाते रहेंगे तो मुख्य मुद्दा नहीं सुलझेगा. हम किसानों को दंडित नहीं करना चाहते हैं.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, प्रदूषण की तमाम वजहें तो हैं ही लेकिन टीवी पर चल रही बहसें सबसे ज्यादा प्रदूषण पैदा कर रही है. वे चीजों को समझते ही नहीं हैं और बयानों को संदर्भ से एकदम बाहर कर रिपोर्ट किया जाता है. हर किसी का अपना एजेंडा है और उसी को बढ़ाने में लगा है.
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सुनवाई के तुषार मेहता ने कहा कि मेरे बारे में मीडिया में कहा गया कि मैंने पराली जलाने को लेकर गलत जानकारी दी, मैं इस पर स्पष्टीकरण देना चाहता हूं. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि पब्लिक ऑफिस में ऐसी आलोचना होती रहती है, इसे भूल जाइए. चीफ जस्टिस ने कहा कि कितने फीसदी प्रदूषण किससे है, ये आंकड़े महत्वपूर्ण नहीं हैं. इस सबसे मुद्दे को घुमाने की कोशिश ना की जाए. हमें प्रदूषण कम करने की चिंता है.