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Sunday, November 17, 2024

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Cyber crime: ‘अवैध काम नौकरी के नाम पर, खाने भी नहीं देते थे’; जानें कैसे हुए भारतीय नागरिक शिकार

कंबोडिया में नौकरी के नाम पर लोगों को जबरन उनकी इच्छा के खिलाफ काम करने के लिए मजबूर किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हमने कंबोडिया में फंसे भारतीय नागरिकों पर मीडिया रिपोर्ट देखी है। कंबोडिया में हमारा दूतावास उन भारतीय नागरिकों की शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहा है, जिन्हें उस देश में नौकरी के अवसरों का लालच दिया गया था, लेकिन उन्हें अवैध साइबर काम करने के लिए मजबूर किया गया था। 

गौरतलब है कि पुलिस को इस बड़े घोटाले के बारे में पिछले साल के अंत में पता चला जब केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा किया कि उसके साथ 67 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है और शिकायत दर्ज कराई थी। ओडिशा की राउरकेला पुलिस ने 30 दिसंबर को एक साइबर अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया और लोगों को कंबोडिया ले जाने में कथित तौर पर शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया।

आठ लोगों को किया था गिरफ्तार- पुलिस 
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस के अधिकारी ने कहा कि हमने देश के कई हिस्सों से आठ लोगों को गिरफ्तार किया और घोटाले में शामिल कई लोगों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत हैं। हमने 16 के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया, जिसके बाद आव्रजन ब्यूरो ने कंबोडिया से उतरने के बाद हैदराबाद हवाई अड्डे पर दो लोगों – हरीश और नागा वेंकट सौजन्या कुरापति को हिरासत में लिया। 

डेटा एंट्री की नौकरी पेशकश की थी-स्टीफन 
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों को निशाना बनाया गया है। कंबोडिया से बचाए गए लोगों में से एक स्टीफन भी थे। उन्होंने बताया कि मंगलुरु में एक एजेंट ने मुझे कंबोडिया में डेटा एंट्री की नौकरी की पेशकश की। वहां हम तीन लोग थे, जिनमें आंध्र प्रदेश का एक बाबू राव भी शामिल था। इमीग्रेशन के दौरान एजेंट ने कहा कि हम पर्यटक वीजा पर जा रहे हैं, जिससे मुझे संदेह हुआ।

 वहां जाकर दूसरा काम पकड़ा दिया- स्टीफन
स्टीफन ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि तीनों को कंबोडिया के एक कार्यालय में ले जाया गया जहां उनका साक्षात्कार लिया गया और कहा कि उनमें से केवल दो ही इसे पास कर सके। उन्होंने कहा, बॉस चीन का था, जबकि एक मलेशियाई ने उनके लिए अनुवाद करने में मदद की। हमारी टाइपिंग स्पीड का भी परीक्षण किया गया। हमें बाद में पता चला कि हमारा काम फेसबुक पर प्रोफाइल ढूंढना और ऐसे लोगों की पहचान करना था, जिनके साथ धोखाधड़ी की जा सकती है। 

कैसे फंसे भारतीय नागरिक?
राउरकेला की पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी उन लोगों को नौकरी के बहाने कंबोडिया ले गए। वहां पहुंचने पर उन लोगों को उन कंपनियों में शामिल कर लिया गया जो लोगों को धोखा देने में शामिल थी। उन्होंने कहा, ये कंपनियां पासपोर्ट छीन लेंगी, जिससे उनका निकलना असंभव हो जाएगा और उन्हें दिन में 12 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाएगा। राउरकेला पुलिस के मुताबिक, एजेंटों ने लोगों को अक्तूबर 2023 में निवेश घोटालों पर केंद्रित एक अन्य कंपनी में शामिल कराया। 

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