पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को ‘गंदा राजनीतिक खेल’ करार दिया। घुटने की चोट से उबर रहीं बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि मोहम्मद बिन तुगलक (मध्यकालीन शासक) की तरह नोटबंदी और जीएसटी समेत कई बिना सोचे-समझे फैसले लेकर भाजपा देश के इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ नाम का इस्तेमाल करने के एनसीईआरटी के कदम पर भी हमला बोला। कालीघाट मंदिर के पास अपने आवास पर बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में बनर्जी ने कहा, ”भाजपा कहती है कि वह ‘सबका साथ-सबका विकास’ चाहती है, लेकिन वास्तव में इसका मतलब ‘सबका साथ-सबका सत्यानाश’ है।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले की जांच के सिलसिले में गुरुवार को तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक और अन्य के आवासों पर छापेमारी की। एजेंसी ने कथित परीक्षा पेपर लीक मामले में धन शोधन की जांच के तहत राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के जयपुर और सीकर स्थित परिसरों पर भी छापे मारे।
उन्होंने कहा, क्या अत्याचार, क्या अनाचार चल रहा है?..भाजपा लोकसभा चुनाव (2024) से पहले देशभर में विपक्षी नेताओं पर ईडी के छापे के नाम पर गंदा खेल खेल रही है। मैं पूछना चाहती हूं कि क्या किसी भाजपा नेता आवास पर इस तरह का एक भी छापा पड़ा है?
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि कोलकाता में ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर तलाशी के दौरान अगर उन्हें कुछ होता है तो वह भाजपा और ईडी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराएंगी। उन्होंने कहा, ‘ज्योतिप्रिय मलिक अस्वस्थ हैं। अगर ईडी के छापों के दौरान उन्हें कुछ होता है तो मैं प्राथमिकी दर्ज कराऊंगी।’ वहीं, मलिक पर ईडी के छापे को लेकर प्रदेश भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘यह (छापेमारी) बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। ऐसे लोगों को जेल में रखा जाना चाहिए।’
ममता ने शांतिनिकेतन में टैगोर के नाम वाली पट्टिकाएं लगाने की दी चेतावनी
शांतिनिकेतन में विश्वभारती विश्वविद्यालय को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने की स्मृति पट्टिकाओं पर रबींद्रनाथ टैगोर का नाम अंकित नहीं करने पर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों की तीखी आलोचना करते हुए व्यापक प्रदर्शन की चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, अगर शुक्रवार तक पट्टिकाएं नहीं बदली गईं तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता आंदोलन शुरू कर देंगे। टैगोर के लिए ही शांतिनिकेतन को यूनेस्को की ओर से विश्व धरोहर का दर्जा मिला और आपने पट्टिकाओं से उनका ही नाम हटा दिया है। हम अब तक दुर्गा पूजा उत्सव के कारण चुप थे। उन्होंने कहा, यदि आप शुक्रवार सुबह 10 बजे तक मौजूदा पट्टिकाओं को हटाकर नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम वाली पट्टिकाएं नहीं लगाते हैं तो हमारे लोग कोबीगुरु की तस्वीरें अपने सीने पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर देंगे।
यह विवाद तब खड़ा हुआ जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के नाम वाली संगमरमर की पट्टिकाएं लगा दीं, लेकिन उनमें टैगोर का कोई उल्लेख नहीं था। पीएम मोदी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं। विश्वविद्यालय ने बुधवार को कहा था कि ये पट्टिकाएं अस्थायी रूप से लगाई गई हैं। यूनेस्को ने शांतिनिकेतन की स्थापना का श्रेय प्रसिद्ध कवि और दार्शनिक रबींद्रनाथ टैगोर को दिया था।