गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत की अध्यक्षता में G20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप की बैठक में तय किए जा रहे वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडे का समर्थन किया। एजंडे को WHO ने अच्छी तरह से स्पष्ट और दिन की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखने वाला बताया।
‘भारत द्वारा तय एजेंडा अच्छी तरह से केंद्रित और स्पष्ट’
यहां G20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप की बैठक में बहुपक्षीय मामलों के लिए डब्ल्यूएचओ की दूत स्टेफनी सेडौक्स ने कहा कि भारत द्वारा निर्धारित किया जा रहा एजेंडा महत्वाकांक्षी था। साथ ही G20 सदस्यों और प्रतिभागियों द्वारा अच्छी तरह से समर्थित था।
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ भारत द्वारा निर्धारित वैश्विक स्वास्थ्य एजेंडा का एक बहुत मजबूत समर्थक है। यह वास्तव में एक महत्वाकांक्षी एजेंडा है, लेकिन यह अच्छी तरह से केंद्रित और स्पष्ट है। यह निश्चित रूप से दिन की प्राथमिकताओं की बात करता है। G20 हेल्थ वर्किंग ग्रुप की पहली बैठक वर्तमान में भारत की अध्यक्षता में चल रही है। यह 20 जनवरी को समाप्त होगी। भारत ने एक दिसंबर, 2022 को G20 की अध्यक्षता ग्रहण की।
बैठक में इन मुद्दों पर की गई चर्चा
सेडौक्स ने कहा कि बैठक में जिन मुद्दों पर विचार किया जा रहा है उनमें से वैश्विक स्वास्थ्य संरचना, तैयारियों और प्रतिक्रिया पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, टीके, दवाओं और निदान जैसे पर्याप्त उपायों के लिए बेहतर, अधिक न्यायसंगत और कुशल पहुंच भी चर्चा का विषय थी। उन्होंने कहा कि हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि महत्वपूर्ण टीकों, दवाओं और डायग्नोस्टिक्स तक पहुंच को कैसे बेहतर बनाया जाए।
सेडौक्स ने कहा कि भविष्य के सभी वैश्विक सुधारों के आधार पर जो ढांचा होना चाहिए, वह एकजुटता, सहयोग और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और क्षमता को स्थानांतरित करने पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह स्थिति निश्चित रूप से डब्ल्यूएचओ के मुताबिक है।
‘दुनिया भर में लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता’
भारत ने बुधवार को कहा कि आपातकालीन तैयारी एक व्यापक प्राथमिकता है। इसके लिए समान संकटों का सामना करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए दुनिया भर में लचीली स्वास्थ्य प्रणालियों के निर्माण की आवश्यकता है। G20 के लिए भारत की अध्यक्षता के तहत हेल्थ ट्रैक में चार हेल्थ वर्किंग ग्रुप (HWG) मीटिंग्स और एक हेल्थ मिनिस्ट्रियल मीटिंग (HMM) शामिल होंगी। तिरुवनंतपुरम (केरल), गोवा, हैदराबाद (तेलंगाना) और गांधीनगर (गुजरात) सहित देशभर में विभिन्न स्थानों पर बैठकें आयोजित की जाएंगी।