दिल्ली स्थित बाटला हाउस इलाके से ISIS के एक संदिग्ध सक्रिय सदस्य को पकड़े जाने के बाद कई बातों का पता चल रहा है। बताया जा रहा है कि खूंखार आतंकी संगठन का यह संदिग्ध सदस्य दिल्ली में रहकर फंड जुटाने के काम में लगा हुआ था। पकड़े गए आरोपी का नाम मोहसिन अहमद है। मोहसिन के बारे में बताया जा रहा है कि वो बिहार का रहने वाला है।
जानकारी के मुताबिक, मोहसिन बीते 6 महीने से बटला हाउस इलाके में अपना ठिकाना बनाए हुए था। जहां उसके कुछ अन्य साथी भी उसके साथ रह रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात की भनक नहीं थी कि मोहसिन देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है।
NIA को जांच के दौरान मोहसिन की सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली थी। पता चला की यह सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर ISIS का ऑनलाइन प्रोपेगेंडा फैला रहा है। साथ ही पता यह भी चला है की यह न सिर्फ पूरी तरह रेडिक्लाइज है बल्कि ISIS का सक्रिय सदस्य भी है। NIA के मुताबिक, मोहसीन की गिरफ्तारी ISIS के लिए हिंदुस्तान में फंड इक्क्ठा करने के आरोप में हुई है।
मोहसीन भारत और विदेशों से ISIS के लिए फंड इक्क्ठा करता और उसे क्रिप्टो कर्रेंसी के जरिये सीरिया और ISIS के प्रभावित वाले अन्य अलग-अलग देशों में भेजा करता था। एनआईए ने मोहसिन अहमद को कोर्ट में पेश किया और 7 दिन की रिमांड मांगी है। जांच एजेंसी की तरफ से कहा गया है कि उसे अभी पूरी साजिश का पता लगाना है। इसके अलावा अन्य आरोपी को पकड़ना है और सबूत भी जुटाना है।
यह है मोहसिन का पूरा पता
NIA के मुताबिक मोहसिन दिल्ली के जमिया इलाके के F- 18/27, Japan i Gali, Jogabai Extention, Batla house, New Delhi में रह रहा था,और मूल रूप से बिहार के New colony, ITI women, Digha, Dinapur cum Khagul, Patna, Bihar का रहने वाला है।
कोटा में रहकर पढ़ाई की है
संदिग्ध आरोपी के पास से एक फ़ोन और दो लैपटॉप मिला है। सूत्रों के मुताबिक लेपटॉप में कई अहम जानकारियां हैं। इसके अलावा संदिग्ध लिट्रेचर भी मिले हैं। जिससे NIA को पता चला है कि कैसे ये देश में ISIS के लिए प्रोपोगेंडा फैला रहा था। मोहसिन बी. टेक फर्स्ट ईयर का छात्र है। जिसने कोटा में रहकर तैयारी भी की है।
NIA सूत्रों के मुताबिक मोहसिन काफी टेक्नोफ्रेंडली था और कई गोपनीय एप्स के जरिये ISIS से जुड़ा हुआ था। वो ISIS के कई व्हाट्सएप ग्रुप्स से भी जुड़ा हुआ था और कोड वर्ड में बातचीत भी करता था।
वो सवाल जिनके जवाब अब NIA मोहसिन से जानना चाहती है-
– आखिर मोहसिन पहली बार कब ISIS से जुड़ा?
– दिल्ली में या बिहार या भारत में मोहसिन के मददगार और कौन कौन लोग हैं?
-आखिर क्या सेल्फ रेडिक्लाइज था मोहसिन या ISIS के पे रोल पर दिल्ली में रहकर काम कर रहा था मोहसिन?
-आखिर दिल्ली या भारत में ISIS क्या गड़बड़ी फैलाना चाह रहा था?
बहरहाल अब एनआईए मोहसिन के फ्लैट से बरामद चीज़ों की पड़ताल में जुटी है। NIA बिहार में मोहसिन का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड भी खंगालने में जुट गई है। एनआईए ISIS को मिलने वाले फंड के सुराग भी तलाशने में जुट गई है ताकि यह पता चल सके कि भारत में आखिर ISIS के मददगार और ISIS को फंड मुहैया कराने वाले वो कौन कौन लोग हैं।
मोहसिन के परिजनों ने कही यह बात
मोहसिन के परिवार के मुताबिक, उसपर लगे सभी आरोप झूठे हैं। परिजनों का कहना है कि वो समाज सेवा करता था। चंदा इकठ्ठा करता और गरीबों में अनाज बांट रहा था। वो 12 जुलाई को ही दिल्ली आया था वो पढ़ने वाला छात्र है ,इस्लामिक स्टेट से कैसे जुड़ सकता है। यहां वो अपने दोस्तों के साथ दिल्ली में रह रहा थाएनआईए के आरोप झूठे हैं हम कोर्ट में चुनौती देंगे। वो एक पढ़ने वाला बच्चा है वो आतंकी नहीं हो सकता
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