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Friday, November 22, 2024

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LAC पर झड़प, अर्थव्यवस्था और SC जजों की नियुक्ति समेत ये मुद्दे रहे संसद पर हावी

संसद की इस सप्ताह की कार्यवाही में अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीन के अतिक्रमण का प्रयास, सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति और अर्थव्यवस्था की स्थिति ऐसे मुद्दे थे, जिन पर गरमागरम बहस हुई। यह मुद्दे संसद पर हावी रहे।

लोकसभा ने रेलवे और सड़क जैसे क्षेत्रों में पूंजीगत व्यय को बढ़ाने के अलावा मुख्य रूप से उर्वरक (फर्टिलाइजर), भोजन और रसोई गैस जैसी वस्तुओं पर उच्च सब्सिडी बिल को वित्त पोषित करने के लिए 3.26 लाख करोड़ रुपये की अनुपूरक मांगों को मंजूरी दी। 

लोकसभा में पारित हुए दो विधेयकनिचले सदन ने तमिलनाडु के अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में नरिकोरवन और कुरिविकरण समुदायों को जोड़ने के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश में संशोधन करने और हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिले के ट्रांस गिरि क्षेत्र के हट्टी समुदाय को पहाड़ी राज्य की अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के लिए दो बिल भी पारित किए।

रक्षामंत्री ने एलएसी पर झड़प की संसद को दी जानकारी
मंगलवार को विपक्षी सदस्यों ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीन के सैनिकों के बीच संघर्ष का मुद्दा उठाया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने संसद को बताया कि तवांग सेक्टर के यांग्स्ते इलाके में एलएसी पर चीन द्वारा यथास्थिति को एकतरफा बदलने के प्रयास को विफल कर दिया गया।

सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में कहा, 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में पीएलए के सैनिकों ने एलएसी पार करने की कोशिश की और एकतरफा यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हमारे सैनिकों ने चीनी सेना का दृढ़ता से मुकाबला किया। 

उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी जवान गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है और भारतीय सेना के कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के बाद चीनी सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए हैं। सिंह ने कहा कि चीनी पक्ष को इस तरह के कार्यों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने रक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगने की अनुमति नहीं देने पर सरकार की आलोचना की और वॉकआउट किया

सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में कहा, 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से इलाके में पीएलए के सैनिकों ने एलएसी पार करने की कोशिश की और एकतरफा यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हमारे सैनिकों ने चीनी सेना का दृढ़ता से मुकाबला किया। 

उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी जवान गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है और भारतीय सेना के कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के बाद चीनी सैनिक अपने स्थानों पर वापस चले गए हैं। सिंह ने कहा कि चीनी पक्ष को इस तरह के कार्यों से बचने और सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए कहा गया है। राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने रक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगने की अनुमति नहीं देने पर सरकार की आलोचना की और वॉकआउट किया

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