महाराष्ट्र के एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल ने सोमवार को भाजपा के बटेंगे तो कटेंगे नारे से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा कि इस नारे से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। एनसीपी का इन नारों से कोई संबंध नहीं है। हम केवल विकास की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि विकास हमारी जाति और धर्म है। मेरी पार्टी और मेरी भाषा केवल विकास की है। मैं भी विकास के अलावा किसी और बारे में बात नहीं करता हूं। उन्होंने कहा कि इन्हीं मुद्दों के साथ महायुति सरकार अच्छे बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करेगी।
येवला विस सीट से एनसीपी प्रत्याशी छगन भुजबल ने कहा कि मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन येवला और मनमाड़ निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव पर असर नहीं डालेगा। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र को अच्छी तरह जानता हूं। इसका ज्यादा असर नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी बिना किसी भेदभाव के सभी समुदायों के साथ न्याय करने में विश्वास करती है। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में हिंदू, मुस्लिम, दलित, आदिवासी और मराठा हैं। हम किसी समुदाय के साथ भेदभाव नहीं करते। विकास ही हमारा एकमात्र एजेंडा है।
महायुति में सीएम पद के चेहरे के चयन पर भुजबल ने कहा कि तीनों दलों के नेता चुनाव के बाद इस पर फैसला करेंगे। कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है। चाहे वह मराठा हो, ओबीसी हो या ब्राह्मण। किसी ने कभी सोचा था कि एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बनेंगे? राजनीति में कुछ भी संभव है।
उन्होंने कहा कि मैंने पिछला चुनाव 60,000 वोटों के अंतर से जीता था। इस बार क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों के कारण यह अंतर बढ़कर 1 लाख हो सकता है। हर चुनाव में करीब 50,000 लोग मेरे खिलाफ वोट करते हैं। इस बार यह संख्या या तो 10,000 कम होगी या 10,000 बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि मंजरपाड़ा जल मोड़ परियोजना से क्षेत्र में फैले बागों के लिए बेहतर सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं। इससे किसान समृद्ध हुए हैं। इससे मुझे बड़े अंतर से जीत दर्ज करने का भरोसा है।
शरद पवार की ओर से लगाए गए आरोपों का दिया जवाब
एनसीपी नेता छगन भुजबल ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार की ओर से लगाए गए धोखा देने के आरोप का भी जवाब दिया। भुजबल ने कहा कि शरद पवार किस विचारधारा की बात कर रहे हैं? उन्होंने पार्टियों और परिवारों को तोड़ने का चलन शुरू किया। शरद पवार ने मुख्यमंत्री बनने के लिए वसंतदादा पाटिल सरकार को गिरा दिया। इसके बाद पवार ने फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका पाकर कांग्रेस का दामन थाम लिया। भुजबल ने कहा कि शरद पवार ने कांग्रेस और एनसीपी को भी तोड़ा। भाजपा के कई नेताओं को भी पार्टी में शामिल किया। अगर हम 30-35 साल पहले जो हुआ, उसे खोदना शुरू कर दें तो बात बहुत आगे निकल जाएगी। इन चीजों के बारे में बात करने से बचना ही बेहतर है।