26 C
Mumbai
Friday, November 22, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

SBI के कब्ज़े में जन-धन खाताधारकों के 164 करोड़ रुपये: रिपोर्ट

भारतीय स्टेट बैंक ने अप्रैल 2017 से लेकर दिसंबर 2019 के दौरान प्रधानमंत्री जन-धन योजना के खाताधारकों से डिजिटल भुगतान के एवज में वसूले गए 164 करोड़ रुपये के अनुचित शुल्क को अभी तक नहीं लौटाया है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – मुंबई की तरफ से जन-धन खाता योजना पर तैयार एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार से इस शुल्क राशि को लौटाने के निर्देश मिलने के बाद भी बैंक ने अभी तक सिर्फ 90 करोड़ रुपये ही खाताधारकों को लौटाए गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक बैंक ने अभी 164 करोड़ रुपये की राशि नहीं लौटाई है.

निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ >> क्लिक <<करें

रिपोर्ट की मानें तो एसबीआई ने अप्रैल 2017 से लेकर सितंबर 2020 के दौरान जन-धन योजना के तहत खोले गए साधारण बचत खातों से यूपीआई एवं रुपे लेनदेन के एवज में कुल 254 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क वसूला था. इसमें प्रति लेनदेन बैंक ने खाताधारकों से 17.70 रुपये का शुल्क लिया गया था. इस बारे में स्पष्टीकरण के लिए भेजे गए सवालों का देश के सबसे बड़े बैंक ने कोई जवाब नहीं दिया.

हालांकि, यह तथ्य है कि किसी भी दूसरे बैंक के उलट एसबीआई ने जन-धन खाताधारकों द्वारा डिजिटल लेनदेन करने पर शुल्क वसूलना शुरू कर दिया था. एक महीने में चार से अधिक निकासी करने पर बैंक 17.70 रुपये प्रति लेनदेन का शुल्क ले रहा था.

अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

एसबीआई के इस कदम ने सरकार के आह्वान पर डिजिटल लेनदेन करने वाले जन-धन खाताधारकों पर प्रतिकूल असर डाला. इस रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई के इस रवैये की अगस्त, 2020 में वित्त मंत्रालय से शिकायत की गई थी जिसने फौरन कदम उठाया.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 30 अगस्त, 2020 को बैंकों के लिए यह परामर्श जारी किया कि एक जनवरी, 2020 से खाताधारकों से लिए गए शुल्क को वापस कर दिया जाए. इसके अलावा भविष्य में इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूलने को भी कहा गया.

‘लोकल न्यूज’ प्लेटफॉर्म के माध्यम से ‘नागरिक पत्रकारिता’ का हिस्सा बनने के लिये यहाँ >>क्लिक<< करें

इस निर्देश के बाद एसबीआई ने 17 फरवरी, 2021 को जन-धन खाताधारकों से डिजिटल लेनदेन के एवज में लिए गए शुल्क को लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी. रिपोर्ट तैयार करने वाले सांख्यिकी प्रोफेसर आशीष दास कहते हैं कि अब भी इन खाताधारकों के 164 करोड़ रुपये लौटाए जाने बाकी हैं.

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here