SC: पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका प्रस्तुत की है, जिसमें उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के पूर्व फैसले के खिलाफ आपत्ति जाहिर की है। इस हाईकोर्ट के फैसले में लड़कियों से उनकी यौन इच्छा पर नियंत्रण रखने की सलाह दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जाँच शुरू की थी, और बीते 8 दिसंबर को हाईकोर्ट के फैसले की आलोचना की थी। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने पुनः इस मामले की सुनवाई की है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ। इस मामले में पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ वकील हुजैफा अहमदी ने भी कोर्ट में अपने तरफ से तर्क प्रस्तुत किया है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनने का निर्णय लिया कि दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई करनी चाहिए। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री विभाग को निर्देश दिया कि स्वतंत्र जाँच और राज्य सरकार की याचिका को 12 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें, लेकिन इसके लिए मुख्य न्यायाधीश की मंजूरी लेनी होगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट के एक अलग मामले में हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में दी गई सलाह पर आपत्ति जताई गई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने लड़कियों से उनकी यौन इच्छा पर नियंत्रण रखने की सलाह दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले की आलोचना की थी, कहते हुए कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से फैसले पर जवाब मांगा था, जिस पर राज्य सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।