उत्तराखंड के हरिद्वार में एक धर्म संसद में वक्ताओं के नफरती और हिंसक बोलों को लेकर देश भर में नाराज़गी फैली है लेकिन शासन और प्रशासन मौन धारण किये हुए है। इस धर्म संसद में खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने का आह्वान किया. सोशल मीडिया पर इस धर्म संसद के कई वीडियो वायरल हैं मगर अभी तक एक ख़ास समुदाय के खिलाफ नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों या कार्यक्रम के आयोजकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. प्रशासन द्वारा कहा जा रहा है कि किसी ने अभीतक कोई शिकायत नहीं की है.
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तृणमूल कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले ने इस मामले में आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. तीन दिवसीय इस धर्मसंसद का समापन सोमवार को हुआ था.
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वक्ताओं को ऐसे भाषणों को लेकर पछतावा भी नहीं हैं, इनमें से कई अपने संबंध सत्ताधारी बीजेपी से होने का दावा कर रहे हैं. बार-बार पूछे जाने पर पुलिस की ओर से कहा गया कि कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है क्योंकि अब तक कोई शिकायत नहीं हुई है.
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कार्यक्रम का आयोजन एक विवादित धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद ने किया था, जिनपर इससे पहले भी नफरत भरे भाषणों से हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप लग चुके हैं.
साकेत गोखले की शिकायत के अनुसार, कार्यक्रम से जुड़े अन्य लोगों में हिंदू रक्षा सेना के प्रबोधानंद गिरी, बीजेपी महिला विंग की लीडर उदिता त्यागी और बीजेपी लीडर अश्विनी उपाध्याय हैं, जो हेट स्पीच केस में बेल पर हैं.