हाल ही में देश में दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव और अलग-अलग सात राज्यों में उपचुनाव संपन्न हुए हैं। वहीं चुनाव आयोग के सूत्रों ने शुक्रवार को जानकारी दी कि पेपर ट्रेल मशीन की पर्चियों की गिनती और ईवीएम में पड़े वोटों में कोई अंतर नहीं पाया गया है, उनका एकदम सटीक मिलान हुआ है। छह विधानसभा उपचुनावों और एक लोकसभा उपचुनाव के साथ आठ दिसंबर को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती की गई थी।
सूत्रों ने बताया कि 2004 के बाद से चार लोकसभा और 139 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है, इन चुनावों के विविध परिणामों को सभी राजनीतिक दलों और नागरिकों ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश और विभिन्न उपचुनावों के विविध परिणाम चुनावों के स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी आचरण को दर्शाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 59,723 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान नहीं हुआ और न ही दोबारा मतगणना की मांग की गई।
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर किसी स्तर पर कोई शिकायत नहीं मिली। सूत्रों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश और गुजरात के सभी 250 निर्वाचन क्षेत्रों के मतगणना के किसी भी दौर में कोई शिकायत नहीं थी। जिन परिणामों में जीत का अंतर 1,000 वोटों से भी कम था, उन्हें भी उम्मीदवारों ने स्वीकार कर लिया। परिणाम पार्टियों या उम्मीदवारों द्वारा नहीं लड़े गए थे। सूत्रों ने कहा कि बहुत कम अंतर वाली सीटें – 500 से कम वोट – विभिन्न दलों के उम्मीदवारों द्वारा जीती गईं और पुनर्मतगणना की कोई मांग नहीं है।