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Saturday, November 23, 2024

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VVPAT-EVM सत्यापन के फैसले पर समीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज; TMC नेता अनुब्रत मंडल को जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मवेशी तस्करी मामले में दो साल से हिरासत में लिए गए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता अनुब्रत मंडल को जमानत दे दी। यह फैसला जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और एससी शर्मा की पीठ ने लिया, जिन्होंने जमानत देने के लिए मुकदमे की लंबी अवधि को मुख्य कारण बताया।

मंडल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि लंबे समय तक हिरासत में रखना अनुचित था, खासकर यह देखते हुए कि चार आरोप पत्र पहले ही दायर किए जा चुके थे और अन्य सभी आरोपी जेल से रिहा हो चुके थे। रोहतगी के तर्क ने मंडल और उसी मामले में फंसे अन्य व्यक्तियों के बीच व्यवहार में असमानता को उजागर किया।

हालांकि, जमानत याचिका को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से विरोध का सामना करना पड़ा, जिसका प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने किया। राजू ने तर्क दिया कि मंडल की रिहाई उनके प्रभावशाली दर्जे और सबूतों से छेड़छाड़ करने के पिछले प्रयासों के कारण एक बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है। सीबीआई ने मंडल पर पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले से बांग्लादेश में मवेशियों के अवैध परिवहन में मुख्य सूत्रधार होने का आरोप लगाया है, हालांकि मंडल के वकील ने ठोस सबूतों की कमी का हवाला देते हुए इन दावों का खंडन किया है।

SC ने चुनाव आयोग को दी बड़ी राहत, EVM-VVPAT के 100 फीसदी मिलान की मांग वाली पुर्नविचार याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों का उनके संबंधित वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों के साथ 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग को खारिज करने वाले अपने पहले के फैसले पर पुनर्विचार की मांग वाली एक समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया।

जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने फैसला सुनाया कि अदालत के 26 अप्रैल के फैसले की समीक्षा करने के लिए कोई ठोस आधार नहीं है, जिसने वीवीपीएटी पर्चियों के साथ ईवीएम वोटों के पूर्ण सत्यापन की याचिका को पहले ही खारिज कर दिया था।

दरअसल इसी 26 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपीएटी और ईवीएम मशीन की पर्चियां का 100 फीसदी मिलान करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही याचिका में चुनाव को बैलट पेपर से कराए जाने की भी मांग की गई थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। पुनर्विचार याचिका अरुण कुमार अग्रवाल द्वारा दायर की गई, जिन्होंने पहले भी इस मुद्दे पर जनहित याचिका दायर की थी।

शीर्ष अदालत ने क्या कहा?
पीठ ने कहा, ‘हमने पुनर्विचार याचिका पर सावधानीपूर्वक गौर किया। हमारी राय में, 26 अप्रैल, 2024 के फैसले की समीक्षा के लिए कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए समीक्षा याचिका खारिज की जाती है। यह कहना सही नहीं है कि परिणाम में अनुचित रूप से देरी होगी (ईवीएम वोटों को वीवीपीएटी पर्चियों से मिलान करके) या आवश्यक जनशक्ति पहले से तैनात जनशक्ति से दोगुनी होगी… मतगणना हॉल की मौजूदा सीसीटीवी निगरानी यह सुनिश्चित करेगी कि वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती में हेरफेर और शरारत न हो।’

शिंदे के खिलाफ ठाकरे गुट की याचिका पर सात अगस्त को विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
असली शिवसेना कौन है इस पर अभी लड़ाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के उस आदेश को चुनौती देने वाली उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर सात अगस्त को सुनवाई करेगा, जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट को जून 2022 में विभाजन के बाद असली राजनीतिक दल घोषित किया गया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ ठाकरे गुट की अयोग्यता याचिकाओं को भी खारिज कर दिया था।

ठाकरे गुट की याचिका पर सुनवाई से संबंधित यह टिप्पणी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने उस समय की जब पार्टी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिका को एनसीपी विवाद से संबंधित एक अन्य याचिका के साथ जोड़ने का मुद्दा उठाया।

सिब्बल ने कहा कि शिवसेना का मामला छह अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है और इसे अनावश्यक रूप से एनसीपी मामले के साथ जोड़ दिया गया है। 

न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने स्पष्ट किया कि सोमवार को उसने कहा था कि एनसीपी और शिवसेना के मामले की एक के बाद एक सुनवाई होगी और उन पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया गया है। प्रधान न्यायाधीश ने सिब्बल से कहा कि हम सात अगस्त को इस पर सुनवाई करेंगे।

आप के जसवंत सिंह ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ली
आम आदमी पार्टी के नेता जसवंत सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका वापस ले ली, जिसमें उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी थी।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय जाने की छूट देते हुए उन्हें इसकी अनुमति दे दी। 

सुप्रीम कोर्ट ने मई में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्र सरकार की सुनवाई किए बिना पंजाब के विधायक और आम आदमी पार्टी (आप) नेता को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। सिंह ईडी द्वारा जांचे जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में छह महीने से अधिक समय से जेल में हैं।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 24 मई को उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को रद्द करने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय में तत्काल अपील दायर की। सिंह, जो मलेरकोटला के अमरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से प्रतिनिधि हैं, पर अपनी कंपनी को दिए गए ऋणों का दुरुपयोग करके बैंकों से 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया, वह धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 19 का उल्लंघन है।

वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी और अधिवक्ता निखिल जैन आज सर्वोच्च न्यायालय में सिंह की ओर से पेश हुए। सिंह का मामला हाल के दिनों में चौथा ऐसा मामला है, जब न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी के समक्ष जमानत का मामला आरोपी द्वारा वापस लिया गया है।

2018 भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी प्रोफेसर हनी बाबू ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए अपनी जमानत याचिका वापस ले ली। इससे पहले, दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी उमर खालिद ने भी इसी आधार का हवाला देते हुए अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। दिल्ली दंगा मामले के एक अन्य आरोपी सलीम मलिक ने भी अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी।

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दर्ज FIR को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। यह एफआईआर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद रहने के दौरान एक साक्षात्कार के संबंध में दर्ज की गई थी। हाईकोर्ट का निर्देश विशेष जांच दल (एसआईटी) पर आधारित था। एसआईटी का गठन यह जांच करने के लिए किया गया था कि हाई सिक्योरिटी बठिंडा जेल में बंद बिश्नोई ने एक निजी टीवी चैनल को साक्षात्कार कैसे दिया। इस साक्षात्कार ने जेल के अंदर कैदियों द्वारा मोबाइल के इस्तेमाल को लेकर विवाद खड़ा कर दिया था। बिश्नोई पर 29 मई, 2022 को हुई पंजाब के गायिक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का आरोप है। पंजाब पुलिस ने आरोप लगाया था कि बिश्नोई ने तिहाड़ जेल में हत्या की साजिश रची थी। लॉरेंस बिश्नोई तिहाड़ जेल में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1999 के तहत सजा काट रहा था। उसके खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 सहित लगभग 57 एफआईआर दर्ज हैं। वह वर्तमान में साबरमती जेल में बंद है।

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