असम-मेघालय सीमा पर बीते महीने हुई हिंसा मामले में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। शनिवार को उन्होंने विधानसभा में कहा कि हिंसा के दौरान मुकरोह पुलिस ने अपनी आत्मरक्षा और सरकारी संपत्तियों की रक्षा के लिए फायरिंग की थी।
असम सीएम ने कहा कि मेघालय के साथ सटी सीमा पर असम के वन अधिकारी पर हमला किया गया और उन्हें मार डाला गया। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा और सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा फायरिंग की, जिसमें मेघालय के पांच लोगों की मौत हो गई थी। दरअसल, घटना बीते 22 नवंबर को हुई थी। जब, लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को पुलिस द्वारा रोकने के बाद हिंसा भड़की। इस दौरान दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में मेघालय के पांच निवासियों और असम के एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत हो गई थी
लकड़ी तस्करों की रिहाई की कर रहे थे मांग
विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, पड़ोसी राज्य मेघालय से आए लोगों ने असम के सुरक्षा कर्मियों को घेर लिया और उन पर हमला कर दिया। वे गिरफ्तार तीन लकड़ी तस्करों की रिहाई की मांग कर रहे थे, जिसके बाद पुलिस को आत्मरक्षा में गोलियां चलानी पड़ीं।
मेघालय के उपद्रवी दे रहे कानून व्यवस्था को चुनौती
विधानसभा में असम सीएम ने कहा, मेघालय के उपद्रवी अक्सर अंतर-राज्यीय सीमा पर कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं और निर्दोष लोगों के जीवन और संपत्ति को खतरे में डाल रहे हैं। हालांकि, सरमा ने कहा कि असम पुलिस इलाके में कड़ी निगरानी रख रही है। मेघालय के अधिकारियों के साथ समन्वय में है।
असम में अब तक 53 जिहादी गिरफ्तार
असम सीएम ने शनिवा को विधानसभा में बताया कि राज्य में अब तक बांग्लादेश के एक सहित कुल 53 जिहादियों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं बांग्लादेश के अन्य पांच कथित जिहादी फरार हैं। उन्होंने कहा कि बारपेटा, बोंगाईगांव, मोरीगांव, धुबरी, गोलपारा, तमुलपुर और नलबाड़ी जिलों में जिहादियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।