इंटरनेट मौलिक अधिकार
निडर, निष्पक्ष, निर्भीक चुनिंदा खबरों को पढने के लिए यहाँ क्लिक करे
नई दिल्ली: इंटरनेट मौलिक अधिकार, किसान आंदोलन स्थलों पर इंटरनेट बैन के खिलाफ अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया गया है. उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गए जनहित याचिका में कहा गया है कि इंटरनेट बंद करना मौलिक अधिकार का उल्लंघन है. याचिका में गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में उस व्यक्ति की मौत की न्यायिक जांच की भी मांग है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उसकी मौत गोली से हुई.
अधिक महत्वपूर्ण जानकारियों / खबरों के लिये यहाँ क्लिक करें
जनहित याचिका में कहा गया है कि किसान विरोध स्थलों पर इंटरनेट का निलंबन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है, जिसमें इंटरनेट मौलिक अधिकार के रूप में कहा गया है. याचिका वकील संप्रीत सिंह अजमानी और पुष्पिंदर सिंह ने दाखिल की है.
“MA news” app डाऊनलोड करें और 4 IN 1 का मजा उठायें + Facebook + Twitter + YouTube.
राष्ट्र के सामने सच्ची तस्वीर लाने से रोकने की कोशिश
याचिका में कहा गया है कि जम्मू और कश्मीर में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौलिक अधिकार के हिस्से के रूप में इंटरनेट तक पहुंच के फैसले का सरकार द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है. इंटरनेट बंद करके सरकार ने किसानों और असली पत्रकारों को राष्ट्र के सामने सच्ची तस्वीर लाने से रोका है. इंटरनेट वैश्विक प्लेटफार्मों पर नागरिकों द्वारा अपनी राय व्यक्त करने में सहायक है और ये मौलिक अधिकार है.