केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन को भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे नेताओं का एक ऐसा समूह करार दिया, जिनकी कोई समान विचारधारा या राजनीतिक कार्यक्रम नहीं है। यहां पत्रकारों से बात करते हुए ठाकुर ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ने हाल ही में विधानसभा चुनावों में अपनी हार से हताश होकर संसद के शीतकालीन को बाधित किया।
अनुराग ठाकुर की यह टिप्पणी तब सामने आई है, जब एक दिन पहले इंडिया गठबंधन ने शीतकालीन सत्र के दौरान 146 सांसदों के निलंबन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया। 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था। इसके बाद से इंडिया गठबंधन केंद्रीय गृहमंत्री से इस मामले पर बयान की मांग कर रहा है।
‘एक आवाज में नहीं बोल सकते विपक्षी नेता’
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, गठबंधन कहा है? वे पंजाब में संघर्ष कर रहे हैं, वे अन्य राज्यों में संघर्ष कर रहे हैं। वे एक आवाज में नहीं बोल सकते। वे भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे लोगों का एक समूह हैं और एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा, ‘उनकी कोई समान विचारधारा नहीं है। उनके पास कोई न्यूनतम साझा कार्यक्रम या साझा उम्मीदवार नहीं है। कोई इंडी गठबंधन नहीं है।’
विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कही ये बात
संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर मंत्री ने कहा कि उन्हें उन गतिविधियों के लिए निलंबित किया गया है जिन पर अध्यक्ष ने रोक लगा दी थी। ठाकुर ने कहा कि सभी राजनीतिक दल इस बात पर सहमत हुए थे कि वे नए संसद भवन में लोकसभा और राज्यसभा के कक्षों के अंदर तख्तियां नहीं लाएंगे। उन्होंने कहा, ‘जब हमने नए संसद भवन में प्रवेश किया था तो अध्यक्ष ने सभी से नई परंपराओं के साथ शुरुआत करने का अनुरोध किया था कि किसी को भी कागज फाड़कर चेयर (स्पीकर) पर नहीं फेंकना चाहिए और चैंबर के अंदर कोई तख्तियां नहीं लाई जानी चाहिए।’
‘चुनाव परिणामों से गिरा विपक्षी नेताओं का मनोबल’
मंत्री ने यह भी कहा कि तीन राज्यों में चुनाव परिणामों के बाद विपक्षी नेताओं का मनोबल गिरा है और उन्होंने संसद को बाधित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, ‘तीन चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद वे हताश और निराश थे और वे सत्र का बहिष्कार करने की वजह ढूंढ रहे थे।’ ठाकुर ने कहा कि विपक्ष को आम आदमी से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस में भाग लेना चाहिए था।