गुजरात के राजकोट के गेमिंग जोन में लगी भीषण आग से 27 लोगों की मौत हो गई। इसके बाद इस मामले पर राज्य की राजनीति भी गरमाई हुई है। कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों की निगरानी में की जानी चाहिए। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि राजकोट आकर पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात करें।
बता दें कि राजकोट के गेमिंग जोन में 25 मई को भीषण आग लग गई थी। इस हादसे में 12 बच्चों समेत कुल 27 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कई शवों की अब तक पहचान भी नहीं हो पाई है। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया है।
‘सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों की निगरानी में हो जांच’
गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल ने मांग की है कि इस हादसे के जिम्मेदार लोगों को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को चुनावी कार्यक्रमों के बीच से समय निकालकर राजकोट आना चाहिए और पीड़ित परिवारों से मुलाकात करनी चाहिए। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने इस मामले में राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया। गोहिल ने आरोप लगाया कि गेमिंग जोन में प्रवेश और निकास के लिए अलग अलग रास्ते नहीं थे। इसके अलावा गेमिंग जोन में सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके साथ ही उन्होंने यह मांग उठाई कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के मौजूदा न्यायाधीशों की निगरानी में होनी चाहिए।
शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि इतने बड़े हादसे के बाद भी राज्य सरकार गंभीर नहीं दिख रही। उन्होंने आगे कहा कि गुजरात में ऐसा हादसा पहली बार नहीं हो रहा बल्कि इससे पहले सूरत के एक शैक्षिक संस्थान में इसी तरह की घटना हुई थी, जिसमें 22 बच्चों की मौत हो गई थी। इसके अलावा वडोदरा में भी एक नाव डूबने से 14 बच्चों की मौत हो गई थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी मामले में राज्य सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने बनासकांठा में पुल हादसे का भी जिक्र करते हुए कहा कि उस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी। शक्ति सिंह गोहिल ने कहा ’इस मामले में छोटी मछलियों को पकड़ने से कुछ नहीं होगा। जो बड़े अधिकारी इस हादसे के जिम्मेदार हैं, उनका नाम एफआईआर में दर्ज होना चाहिए।’ बता दें कि इस मामले में अब तक कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।