हाल ही में गार्डियन एवं फाइनेंशियल टाइम्स ने जो खुलासा किया है उससे इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता कि गौतम अदानी की कंपनियों में काला धन लगा कर शेयरों की कीमत में भारी घोटाला किया गया है। इन समाचार पत्रों ने गौतम अदानी के भाई विनोद अडानी की विदेशी कंपनियों से जुड़े दो व्यक्तियों के नाम भी बताए है जिन्होंने विदेश से अदानी की कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया है। अब इसमें कोई संदेह नहीं कि सर्वोच्च पद पर बैठे लोगों ने अदानी की मदद की है। डीआरआई से सितंबर 2014 में ही अदानी कंपनियों के शेयरों में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर भी सेबी ने कोई जांच नहीं की और सुप्रीम कोर्ट में भी गलतबयानी की जिससे यह घोटाला निरंतर चलता रहा। दरअसल मोदी सरकार अदानी को मुनाफा देने के लिए लगातार इस तरह की लूट पर पर्दा डालने का काम करती रही है। देश के विपक्षी दलों और नागरिक समाज के लोगों द्वारा इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग को भी सरकार ने स्वीकार नहीं किया।
अतः आल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट जनता के करोडों रूपए की लूट के इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा करे जाने की मांग करता है।