31 C
Mumbai
Thursday, November 14, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

दिल्ली में प्रदूषण पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई 18 नवंबर को, याचिकाकर्ता ने कहा- लोग गंभीर स्थिति में

दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को सुनवाई होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र अपराजिता सिंह की ओर से दायर याचिका पर गौर करते हुए न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता अपराजिता सिंह ने पीठ से कहा कि कल से लोग गंभीर स्थिति में हैं। इससे बचने के लिए अदालत ने सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को एहतियाती कदम उठाने को कहा है। उन्होंने कुछ नहीं किया। उन्होंने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को इस बारे में सूचित कर दिया है और उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

दिल्ली समेत एनसीआर में एक्यूआई खतरनाक स्तर पर
प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ने के कारण राजधानी में धुंध की चादर छाई हुई है। सीरीफोर्ट इलाके में एक्यूआई 438 दर्ज किया गया है, जिसे सीपीसीबी के मुताबिक ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा गया है। आनंद विहार में एक्यूआई 472 दर्ज हुआ है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जिस तरह से उत्तर भारत में पराली जलाने के मामले दिख रहे हैं, उसके हिसाब से फिलवक्त इसमें बड़े पैमाने पर कमी आने का अंदेशा नहीं है। राजधानी के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई है, जिससे अक्षरधाम मंदिर और आस-पास के इलाकों में धुंध की मोटी परत छा गई है। 

11 नवंबर को दिल्ली पुलिस को लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर प्रतिबंध के उसके आदेश को गंभीरता से न लेने पर 11 नवंबर को दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा माना जाता है कि कोई भी धर्म किसी भी ऐसी गतिविधि को बढ़ावा नहीं देता, जो प्रदूषण को बढ़ाती है या लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाती है।’ जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि अगर पटाखे इसी तरह से फोड़े जाते रहे तो इससे नागरिकों का सेहत का मौलिक अधिकार प्रभावित होगा।

ताजा खबर - (Latest News)

Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here