पुडुचेरी की इकलौती महिला विधायक और कैबिनेट मंत्री एस चंदिरा प्रियंगा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। जातिवाद, लैंगिक पूर्वाग्रह और धन बल की राजनीति का आरोप लगाकर मंगलवार को उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि मंत्री प्रियंगा के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री एन रंगासामी ने प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने आपको नहीं बुलाया है। चंदिरा प्रियंगा ने इस्तीफा मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंप दिया है। सूत्रों ने पत्र मिलने की खबर की पुष्टि की है। साथ ही बताया कि मामले पर निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है।
उन्होंने पत्र में कहा, लोगों के सहयोग से वह विधानसभा तक पहुंचीं, लेकिन उन्हें अहसास हो गया है कि साजिश की राजनीति से पार पाना इतना आसान नहीं है। साथ ही उन्होंने पत्र में कहा कि वह जातिवाद और लैंगिक पूर्वाग्रह का शिकार हुईं हैं। चंदिरा प्रियंगा ने कहा कि वह जल्द ही एक विस्तृत रिपोर्ट लेकर आएंगी। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री रंगासामी से अनुरोध किया कि उनके इस्तीफे के बाद खाली हुई मंत्री पद की कुर्सी पर ‘वन्नियार, दलित या अल्पसंख्यक समुदायों’ से संबंधित किसी भी विधायक को ही बैठाया जाए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि धन बल के आधार पर मंत्री बनने के इच्छुक किसी भी विधायक को उनका उत्तराधिकारी नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे वन्नियार या दलित समुदायों के साथ ‘अन्याय’ होगा।
कौन है एस चंदिरा प्रियंगा?
2021 में नेदुनकाडु विधायक से चुनी गई चंदिरा प्रियंगा पुडुचेरी में मंत्री बनने वाली एकमात्र महिला थी। प्रियंगा को रंगासामी सरकार में परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।