आखिरकार काफी सियासी उठापटक, चर्चाओं और अफवाहों के बाद प्रशांत किशोर और कांग्रेस के रिश्तों का पटापेक्ष हो गया. अब यह बात स्पष्ट हो गयी कि प्रशांत किशोर कांग्रेस पार्टी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर जानकारी दी है.
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सुरजेवाला ने अपने ट्वीट में लिखा है कि प्रशांत किशोर के साथ एक प्रस्तुति और चर्चा के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अधिकार प्राप्त कार्य समूह 2024 का गठन किया है और उन्हें परिभाषित जिम्मेदारी के साथ समूह के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। प्रशांत किशोर ने मना कर दिया। हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।
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सुरजेवाला के ट्वीट के बाद प्रशांत किशोर ने भी ट्वीट करके इस फैसले की जानकारी दी, पीके ने लिखा मैंने एम्पॉवर्ड ग्रुप के हिस्से के रूप में पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के #कांग्रेस के उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। मेरी विनम्र राय में, परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़ें जमाने वाली संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए पार्टी को मुझसे अधिक मज़बूत नेतृत्व और सामूहिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
कांग्रेस में प्रशांत किशोर को शामिल करने को लेकर अंतर्विरोध पहले ही नजर आ रहा था और आज इस पर असमंजस खत्म हो गया. हालांकि IPAC का तेलंगाना राष्ट्र समिति के साथ किया गया गठजोड़ भी दोनों के बीच वार्ता टूटने की अहम वजह माना जा रहा है.
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मालूम हो कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल करने और उनके 2024 के लिए मिशन के प्रस्तावित विजन को आगे बढ़ाने पर विचार करने के लिए समिति का गठन किया था. इस 13 सदस्यीय समिति ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंप दी थी.
कांग्रेस नेताओं की सोमवार को इस बाबत बैठक भी हुई थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई नेता प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाए जाने के पक्ष में थे, लेकिन दिग्विजय सिंह समेत तमाम नेताओं ने इसको लेकर अपनी आशंकाएं जाहिर की थीं.