पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम में पिछले वर्ष अक्टूबर में भीषण बाढ़ के कारण भारी नुकसान हुआ था। उत्तरी सिक्किम में महत्वपूर्ण सड़क नेटवर्क और महत्वपूर्ण पुलों को व्यापक नुकसान पहुंचा था, लेकिन अब बॉर्डर रो़ड़ ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) के अथक परिश्रम से उत्तरी सिक्किम में फिदांग और तूंग में पुलों का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। इन दो पुलों के बनने से अब उत्तरी सिक्किम जाने के लिए बहुत जल्द अब स्थानीय और पर्यटकों को लंबा रास्ता नहीं अपनाना पड़ेगा।
उल्लेखनीय है कि बाढ़ के कारण करीब 20 किलोमीटर सड़क नेटवर्क और 16 पुल बह गए थे। दिक्चू को सांकलांग से जोड़ने वाला फिदांग में 140 मीटर लंबा स्टील पुल और मंगन को चुंगथांग से जोड़ने वाला तूंग में 130 मीटर लंबा स्थायी पुल बह गया था। इन पुलों के बह जाने से जंगू के साथ-साथ चुंगथांग से भी यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गई थी।
प्रारंभ में, बीआरओ ने सेना के साथ समन्वय में सांकलांग में तीस्ता नदी पर जुड़वां बेली पुल शुरू करके जंगू और चुंगथांग के बीच सफलतापूर्वक यातायात बहाल की। बाद में, तीस्ता नदी पर साल भर यादातात प्रदान करने के लिए, बीआरओ ने सांकलांग में बैली सस्पेंशन पुल का निर्माण किया और इस साल 10 फरवरी से पुल को यातायात के लिए खोल दिया गया। इसके बावजूद स्थानीय ग्रामीणों, सेना और पर्यटकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, क्योंकि उन्हें चुंगथांग तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त 50 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती थी और कई तेज मोड़ों से गुजरना पड़ता था।
खराब मौसम में भी बीआरओ ने किया दिन-रात काम
चुंगथांग और जंगू के लिए सबसे छोटी यातायात बहाल करने के लिए, बीआरओ फिदांग और तूंग में पुल बनाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा था। हालाँकि, भूमि मुआवजे के भुगतान में देरी के कारण, नागा, रित्चू और तूंग के ग्रामीणों ने सबसे महत्वपूर्ण तूंग पुल के चल रहे निर्माण कार्य को 75 दिनों से अधिक समय तक रोक दिया था। बाद में, बीआरओ अधिकारियों से आश्वासन मिलने पर, इसी एक जून साइट पर काम फिर से शुरू हुआ। तूंग में पुल की गंभीरता को समझते हुए, बीआरओ श्रमिकों ने खराब मौसम के बावजूद रात-दिन अथक मेहनत की और तूंग में मॉड्यूलर पुल का निर्माण पूरा किया। हालांकि, तूंग पुल तक पहुंच मार्ग का काम अभी भी प्रगति पर है। इस माह के अंत तक पुल यातायात के लिए खुलने की संभावना है। तूंग पुल के शीघ्र संचालन से सभी हितधारकों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है।
इसी तरह, बीआरओ ने फिदांग में बड़े पैमाने पर रिटेनिंग संरचनाओं और बैली सस्पेंशन पुल के निर्माण के लिए लगातार काम किया। इस महत्वपूर्ण पुल के निर्माण से दिक्चू और जंगू क्षेत्र के बीच यातायात निर्बाध होगी। बीआरओ की इस कड़ी मेहनत और कार्य की हर तरफ तारीफ हो रही है। उत्तरी सिक्किम के लिए यातायात की शीघ्र बहाली से स्थानीय लोगों, पर्यटकों और भारतीय सेना को इसका लाभ मिलेगा। निश्चित ही ऐसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में बीआरओ के वीरतापूर्ण प्रयास अन्य एजेंसी के लिए अनुकरणीय हैं।