ओडिशा की सत्तारूढ़ पार्टी- बीजद के विधायक प्रताप जेना को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। महांगा दोहरा हत्याकांड मामले में उड़ीसा उच्च न्यायालय ने जेना के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। बुधवार को हाईकोर्ट ने 2021 के इस मामले में पूर्व कानून मंत्री जेना के खिलाफ किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश पारित किया। महांगा दोहरे हत्याकांड मामले में आरोपी सत्तारूढ़ बीजद विधायक प्रताप जेना पूर्व कानून मंत्री रहे हैं। पिछले साल नवीन पटनायक ने गंभीर आरोपों के बाद उन्हें मंत्रालय से हटा दिया था।
हाईकोर्ट से राहत के बाद जेना को एक और खुशी मिली जब बीजद ने गुरुवार को उन्हें आगामी चुनावों के लिए केंद्रपाड़ा जिले के लिए पार्टी पर्यवेक्षक नियुक्त किया। बीजद ने पूर्व मंत्री संजय कुमार दास बर्मा को भद्रक जिले के लिए पार्टी का पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया।
जेना के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाते हुए, उच्च न्यायालय ने बुधवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी), सलीपुर की अदालत से मामले से संबंधित रिकॉर्ड मांगे। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 19 दिसंबर तय की गई है। जेना इससे पहले स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए 31 अक्टूबर को सलीपुर न्यायिक दंडाधिकारी फर्स्ट क्लास (जेएमएफसी) की अदालत में पेश नहीं हुए थे।
दो बुजुर्ग भाजपा नेताओं की हत्या
अपने वकील के माध्यम से अदालत में दायर याचिका में जेना ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें एक महीने तक आराम करने की सलाह दी है। बता दें कि 2021 में कटक जिले के महांगा के दो बुजुर्ग भाजपा नेताओं की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में जेना का नाम आरोपियों में से एक के रूप में सामने आया।
बीजद विधायक पर आरोप, निचली अदालत का फैसला
जेएमएफसी सलीपुर ने अपने 25 सितंबर के आदेश में महांगा दोहरे हत्याकांड में जेना के खिलाफ अपराधों का संज्ञान लिया था। अदालत ने उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302, 506, 120 बी के तहत प्रथम दृष्टया दंडनीय मामला बनाने का आदेश दिया था। उन्हें 31 अक्टूबर, 2023 को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया और विधायक को समन जारी किया गया।